भक्त अपने ईष्ट देव नरसिंह भगवान की वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती के रूप में मनाते हैं। कथा के अनुसार, भगवान श्री हरि विष्णु जी ने अपने चौथे अवतार नरसिंह रूप में जिसमें वे आधे शेर और आधे इंसान थें अपने भक्त प्रहलाद कि रक्षा उसके पिता हिरण्यकशिपु हेतू लिया था। जो कि खंभे को चिर कर प्रकट हुए और अपने नाखूनों से हिरण्यकशिपु को समाप्त किया था। यह भगवान श्री हरि विष्णु जी का क्रोधावतार हैं। इस अवतार को लेने एवं हिरण्यकशिपु का वध के बाद क्रोध से नरसिंह भगवान का शरीर जलता रहा, जिसके बाद सारे देवताओं ने उन्हें शीतलता प्रदान करने हेतू शीतल वस्तुऐं अर्पण करने लगे। जिससे भगवान का ताप कम हुआ। इसलिए उन्हें इस दिन शीतल वस्तुऐं अर्पित की जाती है, मान्यताओं के अनुसार, अलग-अलग वस्तुओं को भगवान नरसिंह जी को चढ़ाने से भक्तों को अलग-अलग शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। आज हम आपको इस कड़ी से जुड़े कुछ उपाय बतायेंगे जिसे करने के बाद आपकी हर समस्या का समाधान हो जायेगा।
१.अपनों की नाराजगी समाप्त हेतू- इस दिन आप लम्बें समय से चल रहें रिश्तों की खटास एवं अपनों से संबंध और धनिष्ठ हेतू भगवान नरसिंह के मंदिर में जाकर मक्की का आटा दान करें।
२.कर्च से मुक्ति हेतू- भगवान नरसिंह को इस दिन चांदी या मोती चढ़ाने से पुराना से पुराना कर्च जल्द समाप्त हो जाते हैं। और अगर मार्केट में आपके पैसे फंसे हो तो वो भी निकल आते हैं।
३.घर से बिमारी दूर करने हेतू- भगवान नरसिंह को इस दिन चंदन का लेप अर्पण करने से घर में कोई भी लम्बे समय से बिमार चल रहा हो तो उसको जल्द राहत मिलती हैं।
४.धन रोकने का उपाय- इस दिन मंदिर जा कर भगवान नरसिंह को नागकेसर चढ़ा करके उसके कुछ अंस को अपने साथ लेकर अपने घर में धन संचय स्थान पर रख दें। शुभ फल की प्राप्ति होगी।
५.कुंडली में कालसर्प दोष- यह दिन कालसर्प दोष वाले जातक के लिए शुभ हैं। इस दिन वे नरसिंह भगवान के मंदिर में जाकर मोरपंख चढ़ा दें। इससे जातक के कुंडली में कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता हैं।
६.असफलता एवं भय के निदान हेतू- इस दिन भगवान नरसिंह को बर्फ से मिला हुआ पानी को चढ़ा दें।
७.कोर्ट-कचहरी का समस्या- इस दिन आप भगवान नरसिंह को दही का भोग लगा दें। जल्द ही इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।