राहु और बुध की दशा में मिलता है मान-सम्मान और सुख-समृद्धि

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ज्योतिष में राहु छाया ग्रह है, फिर भी इसे एक पूर्ण ग्रह के समान माना जाता है। यह आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है। राहु की दृष्टि कुंडली के पंचम, सप्तम और नवम भाव पर पड़ती है, जिन भावों पर राहु की दृष्टि का प्रभाव पड़ता है, वे राहु की महादशा में अवश्य प्रभावित होते हैं। राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है।

जानिए राहु की महादशा में बुध की अंतर्दशा का फल क्या होता है

राहु की महादशा में बुध की अंतर्दशा की अवधि 2 वर्ष 3 माह और 6 दिन की होती है।

इस समय धन और पुत्र की प्राप्ति के योग बनते हैं।

राहु और बुध की मित्रता के कारण मित्रों का सहयोग प्राप्त होता है।

साथ ही कार्य कौशल और चतुराई में वृद्धि होती है।

व्यापार का विस्तार होता है और मान-सम्मान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

इस दशा में ये उपाय कर सकते हैं

भगवान गणेश को दूर्वा और कुमकुम चढ़ाते रहें।

हाथी को हरे पत्ते, नारियल या गुड़ खिलाएं।

रोगियों और अपंगों को खाना खिलाएं।

पक्षियों को हरी मूंग खिलाएं।

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