Surya Namaskar ke Fayade

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क्यों करना चाहिए सूर्य नमस्कार, क्या-क्या है इनके फायदे!

Surya Namaskar

        सूर्य नमस्कार सबसे जाने-माने योग अभ्यासों में से एक है। इसको करने से इसका प्रभाव पूरे शरीर पर महसूस किया जा सकता है।
सूर्य नमस्कार का मकसद मुख्य रूप से आपके अंदर एक ऐसा आयाम निर्मित करना है जहाँ आपके भौतिक, चक्रों के तालमेल में होते हैं। यह चक्र लगभग बारह साल और तीन महीने का होता है। यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि जरूरत वस इसमें बारह मुद्राएं या बारह आसन बनाए गए हैं। अगर आपके तंत्र में संक्रियता और तैयारी का एक निश्चित स्तर है और वह ग्रहणशीलता की एक बेहतर अवस्था में है तो कुदरती तौर पर आपका चक्र सौर चक्र के तालमेल में होगा।

        सूर्य नमस्कार सभी योगासनों में से सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पुराणों में इसका वर्णन एक दीर्धायू जीवन जीने की शैली के रूप में किया गया है। आप चाहे कोई भी व्यायाम करें या न करें, अगर दिन में एक बार भी सूर्य नमस्कार कर लेते हैं, तो समझियें आपके सारे रोग एक-एक कर के समाप्त हो जाएगें। यह एक मात्र ऐसा अभ्यास ही है जिससे इंसान को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है।

        सूर्य नमस्कार करने के अनगिनत फायदे हैं। इसको करने से मोटापा दूर हो जाता है, मन की एकाग्रता बढ़ जाती है, शरीर में लचीलापन आ जाता है, पेट ठीक रहता है, सुन्दरता में निखार आता है एवं शरीर की खराब मुद्रा भी ठीक हो जाती है। सूर्य नमस्कार करते वक्त बारह आसन किये जाते हैं, जिससे शरीर के हर अंग पर इसका असर पड़ता हैं। इस व्यायाम का वास्तविक समय उगते हुए सूर्य के सनमूख हो कर ही करना चाहिए जिससे हमें सूरज से निकल रही किरणों के माध्यम से ऊर्जा ग्रहण हो सके। सूर्य नमस्कार की बारह मुद्रा होती है। आइयें जाने कि सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर को कौन सा लाभ पहुचता है।

वजन कम होता है….सूर्य नमस्कार करने से शरीर के हर भाग पर जोर पड़ता है, जिससे वहां पर जमी हुई चर्बी धीरे-धीरे गलने लगती है। अगर आपका वजन समान्य से ज्यादा है तो सूर्य नमस्कार रोज करें। यह बहुत ही मददगार होता है।

शारीरिक स्थिती में सुधार….कई लोग झुक कर चलते व बैठते हैं, जिससे उनके शरीर की पूरी बनावट बेडौल और खराब दिखती है। लेकिन सूर्य नमस्कार करने से शरीर का सारा दर्द खत्म होने के साथ ही साथ अंदर से शारीरिक सुधार भी होने लगता है।

पाचन क्रिया में सुधार….सूर्य नमस्कार करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। इससे खाना पचाने वाला रस ज्यादा मात्रा में निकलता है और पेट में छुपी गैस बाहर निकल जाती है, जिससे पेट हमेशा हल्का बना रहता है।

हड्डियां मजबूत हो जाती है….सूरज के सनमुख इस व्यायाम को करने से शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ती है, जिससे खूब सारा कैल्शियम हड्डियों द्वारा सोख लिया जाता हैै। जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

तनाव दूर होता है….सूर्य नमस्कार करते समय लंबी सांसे लेनी चाहिए। इस प्रक्रिया को करने से बेचैनी एवं तनाव दूर हो जाता है तथा दिमाग शांत व क्रोध पर काबू रखने में मददगार होता है।

पाइल्स और कब्ज दूर होता है….शरीर को आगे की ओर झुकाव करने से कब्ज और पाइल्स की समस्या नहीं होती है। इस प्रक्रिया से पेट की पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।

अनिंद्रा दूर होती है….लोगों में अनिंद्रा की समस्या आम हो गई है। ऐसे में सूर्य नमस्कार जरूर करना चाहिए। इससे शरीर रिलैक्स हो जाता है, जिससे रात को अच्छी नींद आती है।

ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाए….सूर्य नमस्कार करते समय आप अपने शरीर के हर हिस्से का प्रयोग करते हैं जिससे आपके शरीर में खून की रफ्तार तेज हो जाती है। ऐसा होने पर पूरे दिन शरीर एनर्जी से परीपूर्ण रहता है।

पीरियड्स रेगुलर करे….कई महिलाओं में अनियमित पीरियड्स एक बहुत बड़ी समस्या होती है जो कि सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से इस समस्या से निदान मिल जाता है। यह प्रक्रिया हार्मोन को भी बैलेंस करता हैं।
खूबसूरत त्वचा बनाए….इसे नियमित रूप से करने पर शरीर के उपरी भाग तक खून का प्रवाह तेज हो जाता है। जिससे खूबसूरत त्वचा के साथ चेहरे से झुर्रियां भी मिट जाती हैं। वहीं त्वचा रोग होने की संभावना समाप्त हो जाती है।

मन की एकाग्रता बड़े….योगा करने से इसका असर दिमाग पर पड़ता है और दिमाग ठंडा रहता है। जिससे आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाता है। इसको करने से वात, पित्त और कफ दोष शांत हो जाते हैं। जिससे शरीर स्ट्रेस से दूर अध्यात्म की ओर चला जाता हैं।

विषहरण प्रक्रिया करने में मद्द मिलती है…. सूर्य नमस्कार के दौरान ली गयी सांस फेंफड़ों के जरिए खून तक ऑक्सीजन पहुचाता है जिससे शरीर में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड और बाकी जहरीली गैस जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, रेडॉन और अभ्रक शामिल हैं ये सभी आम घरों में मौजूद हो सकते हैं। जिसके प्रभावों में सिरदर्द, चक्कर आना और सुस्ती शामिल हैं। इस प्रक्रिया से जहरीली तत्वों से छुटकारा मिलता है।

सूर्य नमस्कार कौन न करे….
1.महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार और अन्य आसन न करें।
2.गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें।
3.हर्निया और उच्च रक्तचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है।
4.पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें।

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