सार
इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बहुत ही अच्छा योग बन रहा है। वैदिक ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इस बार 100 साल बाद अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग बन रहा है।
विस्तार
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का खास महत्व होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-आराधना करने पर घर खुशियों और धन-दौलत से भर जाता है। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है यानी इस तिथि पर बिना मुहूर्त का विचार किए कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है। अक्षय तृतीया पर पूजा और दान करने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी से बने आभूषणों को खरीदने की परंपरा होती है।
शुभ योग में अक्षय तृतीया
इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बहुत ही अच्छा योग बन रहा है। वैदिक ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इस बार 100 साल बाद अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग बन रहा है। दरअसल अक्षय तृतीया पर चंद्रमा और देवगुरु बृहस्पति की युति होने से गजकेसरी योग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ योग माना गया है। इस अलावा अक्षय तृतीया पर मालव्य योग, धन योग, रवियोग, उत्तम योग और शश योग को मिलाकर कुल पांच महा शुभ योग बनेगा।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने और दान करने का महत्व
10 मई को अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। इस तिथि पर हर तरह के शुभ कार्य बिना मुहूर्त के संपन्न किए जा सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की पूजा करने और सोने-चांदी की चीजों को खरीदने से सौभाग्य और सुक फलों की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना, दान करना और पूजा-पाठ करने से सभी तरह के लाभ जातकों को मिलते हैं। अक्षय तृतीया पर मां गंगा और देवी अन्नपूर्णा का अवतरण त्रेता युग में इसी तिथि को हुआ था इसलिए अक्षय तृतीया पर मां अन्नपूर्णा और मां गंगा की भी विशेष पूजा होती है। इसके अलावा अक्षय तृतीया तिथि पर ही भगवान परशुराम का जन्म भी हुआ था। अक्षय तृतीया पर महर्षि वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की थी। अक्षय तृतीया के दिन ही उत्तराखंड में स्थिति बद्रीनाथ और केदारनाथ के पट खुलते हैं। अक्षय तृतीया पर गृह प्रवेश, विद्यारंभ, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ, नया कारोबार,जमीन, विवाह और वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ होता है। अक्षय तृतीया पर गंगा स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है।
अक्षय तृतीया पर उपाय
धन की प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया पर अपने पूजा स्थल की सफाई करके भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की विधि-विधान पूर्वक पूजा करें। साथ ही, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अक्षय तृतीया के दिन उन्हें कमल या गुलाब फूल अर्पित करें,एवं खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से जीवन में धन एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया सनातन परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो हर कार्य की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन नई चीजों को खरीदने का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया का अर्थ
अक्षय तृतीया का मतलब है ऐसी तिथि से है जिसका कभी भी क्षय नहीं होता या जो कभी खत्म नहीं होती। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर नया कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस पुण्यदायी तिथि पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्वकई मायनों में खास है। इस दिन को युगादि तिभि भी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप ) में धरती पर अवतार लिया था। महाभारत की कथा के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था, जिसमें भोजन कभी भी समाप्त ही नहीं होता था। उस पात्र में बने भोजन से एक बार में वहां उपस्थित सभी लोग भोजन प्राप्त कर सकते थे। इसलिए द्रौपदी उस पात्र की सहायता से पांडवों के अतिरिक्त जरुरतमंद लोगों को भोजन कराती थीं। अक्षय तृतीया के दिन ही माँ गंगा का अवतरण इस धरती पर हुआ था और त्रेतायुग की शुरुआतहुई थी। इसलिए इस दिन को एक शुभ दिन माना जाता है।
अक्षय तृतीया की पूजा विधि
- अक्षय तृतीया के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि करने के उपरांत स्वच्छ वस्त्र धारण करें। हो सके तो लाल रंग के वस्त्र पहनें।
- एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की फोटो स्थापित करें।
- कुमकुम व गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
- देवी लक्ष्मी को कमल का फूल और विष्णु जी को पीले फूलों की माला अर्पित करें।
- विधि विधान के साथ पूजा करें।
- मखाने की खीर और पंचामृत का भोग लगाएं।
- मन के साथ आरती करें।
- शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए सोना-चांदी या फिर अपने क्षमता अनुसार वस्तुएं खरीदें।
दान का महत्व
सनातन परंपरा के वेदों और उपनिषदों में अक्षय तृतीया पर दान के महत्व का उल्लेख किया गया है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक कुछ दानका फल इसी जन्म में मिल जाता है तो कुछ का फल अगले जन्म में मिलता है। गरुड़ पुराण में दान का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि दान करने से लंबी उम्र मिलती है।
अक्षय तृतीया के दिन इन चीजों का करें दान
अक्षय तृतीया के दिन निर्धन और जरुरतमंद बच्चों को भोजन कराना और उन्हें शिक्षित करने के लिए किसी भी तरह का दानकरना भी बेहद पुण्यकारी माना जाता है। अक्षय तृतीया के इस शुभ अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के भोजन दान , वस्त्र दानऔर शिक्षा दान के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन अर्जित किए गए पुण्य का कभी क्षय नहीं होता है।
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