शुक्रवार 17 मई 2024 को विक्रम संवत 2081, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी-दशमी तिथि रहेगी। सुबह 8.48 बजे तक नवमी एवं उसके बाद दशमी तिथि रहेगी। सूर्योदय सुबह 5.38 बजे एवं सूर्यास्त सायं 7.09 बजे होगा। चंद्रोदय का समय 1.46 बजे एवं चंद्रास्त का समय 2.30 बजे होगा।
रात्रि 9.18 बजे तक पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र तथा उसके बाद में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेंगे। चंद्रमा पूरे दिन सिंह राशि में रहेगा। भगवान शिव का वास सुबह 8.48 बजे तक मां गौरी के साथ एवं उसके बाद सभा में रहेगा। अग्निवास सुबह 8.48 बजे तक पृथ्वी पर एवं उसके बाद आकाश में रहेगा। दिशा शूल पश्चिम दिशा में रहेगा।
पूरे दिन रहेंगे ये शुभ चौघड़िया और मुहूर्त
शुक्रवार को हर्षण नामक शुभ योग रहेगा जो सभी मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम बताया गया है। इसके अतिरिक्त रवि योग भी अहोरात्रि रहेगा। दोपहर 11.56 बजे से 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। दोपहर 2.05 बजे से सायं 3.53 बजे तक अमृत काल रहेगा। सुबह 7.19 बजे से 9.01 बजे तक लाभ का चौघड़िया रहेगा। दोपहर 12.23 बजे से 2.05 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। ये मुहूर्त सभी मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने गए हैं।
राहुकाल
सुबह 10.42 बजे से 12.23 बजे तक राहुकाल रहेगा। सुबह 3.46 बजे से 5.27 बजे तक यमगंड योग रहेगा। सुबह 8.20 बजे से 9.14 बजे तक एवं दोपहर 12.50 बजे से 1.45 बजे तक दूमुहूर्त रहेगा। इन सभी अशुभ मुहूर्तों में समस्त प्रकार के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही की गई है।
उपाय
ज्योतिष में शुक्रवार का दिन मां भगवती की आराधना के लिए निर्धारित है। इस दिन आद्यशक्ति के किसी भी स्वरूप की सच्चे मन और भावना के साथ पूजा करने से भक्तों के समस्त संकटों का नाश होता है। साथ ही उनके जीवन में सभी प्रकार की अनुकूलता भी आती है। कल ही अक्षय तृतीया भी है जिसे समस्त कार्यों के लिए अत्यन्त शुभ मुहूर्त माना गया है। अतः कल के दिन जो भी आराधना अथवा मांगलिक कार्य आरंभ किया जाएगा, उसका निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होगा।
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