आज जानें कन्या राशि के स्त्री, पुरूष और बच्चों के स्वभाव के बारें में!
कन्या राशि का चिह्न हाथ में फूल लिए कन्या हैं। राशि का स्वामी बुध है। इस राशि के लोगों को उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षी बनाते हैं। ये बहुत भावुक होते हैं। ज्यादातर मामलों में दिमाग की जगह दिल से काम लेते हैं। संकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले होते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में शीतल लगना और पाचन एवं आंतों से संबंधी बीमारियां जातकों में मिलती है।
स्त्री:-
कन्या राशि वाली महिलाएं आदर्शवादी होती हैं। साथ ही इतनी उदार होती हैं कि ये विश्वासपात्र साथी मिलने पर उसकी सारी गलतियों को भी माफ कर देती हैं। इस तरह की स्त्रियां बिना किसी शिकायत के जीवनभर रिश्ते निभाती हैं। शांति से अपने साथी का व्यवहार परखती रहती हैं। यदि इन्हें कोई जिज्ञासा होती हैं तो ये प्रश्न भी कर लेती हैं। इनका गुण यह भी होता है कि ये किसी की बातों पर आसानी से विश्वास नहीं करती। आप इनसे अपनी हर बात नहीं मनवा सकते।
पुरूष:-
कन्या राशि में जन्म लेने वाले पुरूष शांत और कोमल स्वभाव के होते हैं। इनके मन को जीतना आसान होता है। इस राशि के पुरूषों का मन बिलकुल पवित्र होता है। ये अपने मन की सारी बातें स्पष्ट तौर पर कह देने में विश्वास रखते हैं। संतुलित और निष्पक्ष प्रवृत्ति के ये पुरूष हर स्थिति में अपने आपको शांत रखने में कामयाब रहते हैं। लेकिन यदि इनके सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद काम में सफलता नहीं मिलती हैं तो ये टूट जाते हैं। दूसरों की कमियों को भांपने की गजब की क्षमता इनमें होती है। कई बार अपने घर और आसपास की स्वच्छता के बारे में इनका जुनून इनके साथी के साथ मतभेद का कारण बन जाता है। जो कन्या जातक के मानकों पर खरे नहीं उतर पाते हैं ये उनसे दूर रहना ही पसंद करते हैं। दोस्ती निभाने के मामले में कन्या राशि के जातकों से अच्छा और कोई नहीं होता। बुरे वक्त में ये अपने साथी का हाथ कभी नहीं छोड़ते।
बच्चें:-
कन्या राशि के बच्चों का स्वभाव थोड़ा सा चिड़चिड़ापन और डरपोक होते हैं। अपने पढ़ाई क्षेत्र में इनका स्र्वश्रेष्ठ प्रर्दशन होता हैं। क्योंकि पढ़ने-लिखने का इन्हें बहुत शौक होता हैं। मगर नेतृत्व क्षमता नहीं होती। प्रोत्साहन की आवश्यकता होती हैं। इनका खेल-कूद के प्रति रूझान कम होता हैं।