कुंडली में कब बनता है कालसर्प दोष

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यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाते है तो इस दोष को ही कालसर्प दोष कहा जाता है

1. जिस व्यक्ति के जीवन में काल सर्प दोष होता है उसे जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और जब उसको जरुरत होती है तब उसे अकेलापन महसूस होता है।

2. बात-बात पर जीवनसाथी से वाद विवाद होना। यदि रात में बार बार आपकी नींद खुलती है तो यह भी काल सर्प दोष का ही लक्षण है।

काल सर्प दोष के उपाय

1) काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।

2) प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।

3) इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।

4) प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।

5) इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।

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