- शनि ग्रह: शनि ग्रह को तलाक का कारक माना जाता है। अगर शनि ग्रह कमजोर हो, तो जातक के विवाह में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और तलाक का योग बन सकता है।
- मंगल ग्रह: मंगल ग्रह को विवाह में महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि मंगल ग्रह दुश्मन भाव में स्थित होता है, तो जातक को मांगलिक दोष का सामना करना पड़ सकता है। मांगलिक दोष के कारण विवाह में समस्याएं आ सकती हैं और जातक का तलाक हो सकता है।
- राहु-केतु ग्रह: जब कुंडली में राहु-केतु का योग होता है, तो भी तलाक का योग बन सकता है।
- शनि-राहु युक्ति: जब कुंडली में शनि और राहु एक साथ होते हैं, तो तलाक के योग बनते हैं। यह योग विवाह के समय तथा राहु के महादशा या अंतर्दशा के दौरान दृढ़ होते हैं।
- सप्तम भाव : सप्तम भाव विवाह और संबंधों के भाव में से एक होता है। यदि सप्तम भाव में कोई दोष होता है, तो वह तलाक के योग का कारण बन सकता है
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