रत्न शास्त्र के अनुसार हर रत्न का अपना एक विशेष महत्व है और हर प्रकार का रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंध रखता है. इन रत्नों को धारण करने से ग्रहों की बुरी दशा से छुटकारा पाया जा सकता है. रत्नों के माध्यम से कुंडली में बुरी दशा के ग्रहों को बलवान किया जा सकता है. जिससे वे शुभ फल प्रदान करें. हर रत्न का प्रभाव अलग होता है, लेकिन इन रत्नों को धारण करने से पहले किसी योग्य व्यक्ति से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए.
कौन सा रत्न किस दिन धारण करना चाहिए इसके बारे में हमें बता रहे हैं ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा आइए जानते हैं.
किस दिन कौन सा रत्न करें धारण
- माणिक्य : रविवार
- मोती : सोमवार
- पीला पुखराज : गुरुवार
- सफ़ेद पुखराज : शुक्रवार
- लाल मूंगा : मंगलवार
- पन्ना : बुधवार
- नीलम : शनिवार
- गोमेद : शनिवार
- लहसुनिया : शनिवार
किस तारीख में धारण नहीं करें रत्न
ज्योतिष के अनुसार 4, 9 और 14 तारीख को कोई भी रत्न धारण नहीं करना चाहिए. रत्न धारण करने वाले दिन अमावस्या, सूर्य या चंद्र ग्रहण और संक्रांति नहीं होनी चाहिए.
इन बातों का भी रखें ख्याल
1. किसी अंगूठी या लॉकेट में किसी रत्न को जड़वाते समय यह ध्यान रखें की जिस लॉकेट या अंगूठी में आप रत्न जड़वाना चाहते हैं वह नीचे की तरफ से खुला हुआ हो. ताकि रत्न का एक सिरा आपके शरीर से टच रहे. ऐसा होने से रत्न से सम्बंधित ग्रह की ऊर्जा रत्न के संपर्क से आपके शरीर में आएगी.
2. रत्न को धारण करने से पहले रत्न का शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा करना आवश्यक है. ऐसा करने से रत्न में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट किया जाता है. इससे रत्न में सकारात्मक प्रभाव देने की क्षमता बढ़ जाती है.
3. किसी भी रत्न को धारण करने का शुभ मुहूर्त प्रातः काल सूर्योदय के समय का होता है. तो निर्धारित दिन में प्रातः काल उठकर स्नानादि करें. सम्बंधित गृह के मंत्र का जाप करते हुए रत्न को धारण करना चाहिए.
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