ग्रहों को मनाने का सबसे सरल-सहज उपाय, करते ही जीवन में होता है चमत्कारिक बदलाव
ग्रहों के दोष को दूर करने के लिए और उनकी शुभता प्राप्त करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के उपाय बताये गये हैं। ग्रहों को मनाने के लिए जरूरी नहीं है कि हमेशा महंगे रत्नों के जरिए उपाय किया जाए। आम जीवन में भी तमाम उपायों को अपनाकर आप अपने जिंदगी में चमत्कारिक बदलाव ला सकते हैं। फिर चाहे परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार हो या फिर खान—पान से संबंधी चीजों का दान। आइए जानते हैं कि आखिर किन चीजों को जीवन में अपनाने से ग्रहों की शुभता मिलेगी —
1. सूर्य —
सूर्यदेव की शुभता बढ़ाने और उनकी नाराजगी दूर करने के लिए कभी भी झूठ न बोलें। इस उपाय को करने से सूर्य से संबंधी दोष दूर हो जायेगा और उनके शुभ फल मिलने प्रारंभ हो जाएंगे। ध्यान रहे यदि आप झूठ बोलते हैं, जो कि अस्तित्व में नहीं है तो उस परिस्थिति में आपकी कुंडली से जुड़े सूर्य को उसका अस्तित्व पैदा करना पड़ेगा। ऐसे में सूर्य का काम बढ़ जाएगा और आपके संकट कम होने के बजाय बढ़ जायेंगे
2. चंद्रमा —
चंद्र देव की शुभता पाने और उनसे जुड़े दोष दूर करने के लिए जितना ज्यादा हो सके साफ-सफाई पर ध्यान दें। न सिर्फ अपने आस-पास की साफ-सफाई रखें, बल्कि स्वयं भी साफ-सुथरे रहें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इस उपाय से निश्चित रूप से चंद्र देव की कृपा मिलने लगेगी। ध्यान रहे कि चंद्रमा को सबसे ज्यादा डर राहू से लगता है और राहू अदृश्य ग्रह है। आम जिंदगी में राहू गंदगी का प्रतीक है। वहीं चंद्रमा जो हमारे आपके मन को आकर्षित करता है, राहू से डरता है। ऐसे में यदि आप स्वच्छता पर ध्यान देंगे तो चंद्र देव प्रसन्न होंगे।
3. मंगल —
मंगल ग्रह सूर्य का सेनापति है। हमारे भोजन में वह गुड़ का स्वरूप हैं। जबकि गेहूं सूर्य का प्रतीक है। मंगल ग्रह की कृपा पाने के लिए रविवार के दिन को गेहूं के आटे का चूरमा गुड़ डालकर बनाकर खाएं और दूसरों को भी खिलाएं। इस उपाय से मंगल देवता प्रसन्न होंगे। ध्यान रहे सूर्य गेहूं, मंगल गुड़ और चंद्रमा घी है, और इन तीनों में मित्रता है। ऐसे में जब ये तीनों मित्र मिलकर खुश होंगे तो उनकी प्रसन्नता की कुछ बूंदे तो आप पर भी गिरेंगी ही। कहने का तात्पर्य आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
4. बुध —
बुध ग्रह का रंग हरा है। वह नौ ग्रहों में शारीरिक रूप से सबसे कमजोर और बौद्धिक रूप में सबसे आगे है। बुध ग्रह की शुभता पाने और उससे जुड़े दोष को दूर करने के लिए गाय को हरी घास खिलाएं। विदित हो कि पृथ्वी और गाय दोनों ही शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि हरी घास बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। आप तो जानते ही हैं कि अन्य पेड़ पौधों के मुकाबले घास कमजोर है। बिल्कुल वैसे ही, जैसे अन्य ग्रहों के मुकाबले बुध ग्रह कमजोर है। घास यानी बुध और धरती यानी शुक्र। ऐसे में गाय हरी घास खाकर खुश होती है औ आपको भी बुध की कृपा प्राप्त होती है।
5. बृहस्पति —
बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए तोते को चने की दाल खिलाने का उपाय काफी कारगर साबित होता है क्योंकि तोता बुध ग्रह का प्रतीक है और चने की दाल बृहस्पति ग्रह का। आप तो जानते हैं कि पारिवारिक विवाद के चलते बृहस्पति अपनी पत्नी तारा से नाराज रहते हैं। यह बात बुध को पसंद नहीं आती और वे इसे लेकर अपने पिता बृहस्पति से दुखी रहते हैं। ऐसे में जब आप यह उपाय करेंगे तो बुध स्वरूप तोता चने की दाल खाकर पेट भरेगा और खुश होगा तो बृहस्पति अपने आप प्रसन्न हो जाएंगे और आप पर अपनी कृपा बरसायेंगे।
6. शुक्र —
यदि आप शुक्र ग्रह के दोष से पीड़ित हैं तो आपको गाय को रोटी खिलाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य गेहूं है और शुक्र गाय है। कहते हैं न कि किसी बलवान व्यक्ति को स्वयं के अलावा किसी और को बड़े पद पर आसीन होना नहीं रास आता, उसी तरह शुक्र को भी सूर्य के अधीन रहना पसंद नहीं है। इसलिए जब आप उसके शत्रु सूर्य यानी गेहूं को गाय यानी शुक्र को खिलाएंगे तो निश्चित रूप से उनका गुस्सा खत्म हो जाएगा और आप पर उनकी कृपा बरसनी शुरु हो जायेगी।
7. शनि —
शनि न्याय के देवता हैं। श्रम के पुजारी हैं। ऐसे में यदि हम किसी मेहनत-मजदूरी करने वाले को तन, मन और धन से उचित सम्मान प्रदान करते हैं, उसकी मदद करते हैं तो शनिदेव प्रसन्न होंगे। उनकी कृपा से वो सभी दोष दूर हो जाएंगे जिनके कारण आपको परेशानी झेलनी पड़ रही है।
8. राहू —
राहु छाया ग्रह है, जो भोज देने से बहुत जल्दी शांत होता है। ऐसे में यदि आप राहु से संबंधित व्यक्ति जैसे कुष्ठ रोगी, निर्धन व्यक्ति, सफाई कर्मचारी आदि को भोजन आदि देकर प्रसन्न करते हैं तो आपको राहु की कृपा अवश्य मिलेगी। इस भोज में आप गरीब व्यक्ति को वनस्पति घी में बनी बड़ी साइज की पूड़ियां, गुड़ का हलवा, सब्जी के लिए छाछ के आलू और मूली का लच्छा रखें। निश्चित रूप से लाभ होगा।
9. केतु —
केतु ग्रह के दोष के कारण अक्सर व्यक्ति भ्रम का शिकार होता है। जिसके कारण उसे तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती है। केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले आप अपने बड़े-बुजुर्ग की सेवा करना प्रारंभ कर दें। साथ ही कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। इस उपाय से निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।