घर में शहद रखने से वातावरण सकारात्मक और शुभ होता है और कई दोष दूर होते हैं। इसी वजह से अधिकांश लोग घर में शहद रखते हैं। ज्योतिष के अनुसार भी घर में शहद रखना चाहिए। इससे अशुभ ग्रहों का बुरा असर कम होता है। आयुर्वेद में शहद को बहुत सी बीमारियों के लिए श्रेष्ठ दवा बताया गया है। इसके नियमित सेवन से शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
यदि घर में किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा है तो शहद की सकारात्मक ऊर्जा उसे नष्ट कर सकती है। शहद के शुभ प्रभाव से परिवार के सदस्यों को भी कार्यों लाभ प्राप्त हो सकता है। शहद को किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए। साथ ही, घर में साफ-सफाई भी रखें, हर रोज पूजन आदि कर्म करते रहेंगे तो घर में बरकत बनी रहती है।
पंचामृत में होता है शहद का उपयोग
देवी-देवताओं के पूजन में कई प्रकार की विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इनमें शहद का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पंचामृत बनाते समय दूध, दही, घी, शकर के साथ ही शहद भी मिलाया जाता है। शहद की तासीर ठंडी होती है और इसी वजह से शिवजी के अभिषेक में शहद मुख्य रूप से शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं को शहद चढ़ाने से अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शहद अर्पित करते समय ध्यान रखें ये बातें
भगवान को शहद चढ़ाते समय यही भाव होना चाहिए कि हम भी शहद की तरह पवित्र और पुण्य कर्म करते रहें। हमारा चरित्र और व्यवहार भी शहद की तरह हो जाए। जिस प्रकार शहद पानी में आसानी से घुलता नहीं है, अपने गुणों को कम नहीं होने देता है और पानी में अपने गुण घोल देता है। ठीक इसी प्रकार हमारा स्वभाव भी वैसा ही हो जाना चाहिए। हम भी संसार में रहते हुए भी सभी सांसारिक बुराइयों से बचे रहें और अपने गुणों से सभी को लाभ पहुंचाते रहें।
शहद को उसके गुणों के कारण पूजा में विशेष स्थान दिया गया है। शहद तरल होकर भी पानी में आसानी से घुलता नहीं है। यह संसार में रहकर भी संसार से अलग रहने का संदेश देता है। शहद को पंच तत्वों में आकाश तत्व का प्रतीक भी माना गया है। इसकी तासीर ठंडी होती है। शहद में कई औषधीय गुण भी होते हैं। शहद का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों में दवा की तरह किया जाता है।