ताम्रजल: क्या होता हैं ताम्रजल? और क्या है इसके लाभ!

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Tamrajalतांबे के पात्र में रखा हुआ जल ताम्रजल कहलाता हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि अगर तांबे के पात्र में कम से कम ८ घण्टे से ज्यादा रखा हुआ जल का रोज नियमित रूप से पीया जाये तो शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाता हैं। साथ ही, शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में तांबे में रखा हुआ जल से जूड़ी कुल १० लाभ के बारे में अवगत कराऐंगे।

१.कफ से जूड़ी समस्या- अगर किसी को कफ से जूड़ी समस्या हो तो तांबे के पात्र में पानी के साथ तुलसी के कुछ पत्ते कम से कम ८ घण्टे के लिए रख दें। और अगले दिन सुबह उसे पीये लें। इससे कफ की समस्या दूर हो जाती हैं।

२.थायराइड में लाभ- थायराइड की बीमारी थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण होती हैं। इस समस्या में लाभ हेतू रोज नियमित रूप से तांबे में रखा हुआ जल पीना चाहिए। बता दें कि थायराइड एक्सपर्ट भी मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है और इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता हैं।

३.कैंसर में लाभ- अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार रोज तांबे में रखा हुआ जल को पीया जाये तो ये कैंसर के मरीज को लाभ पहुंचाता हैं। क्योंकि तांबे में रखा हुआ जल में एंटी-ऑक्सीडेंट होने से वात, पित्त और कफ की समस्या में लाभ मिलता हैं।

४. गठिया में लाभ- शरीर में यूरिक एसिड बड़ जाने से और जोड़ों में सूजन के कारण दर्द बड़ जाता हैं। इसे ही गठिया कहते हैं। ऐसे में आप रोज ताम्रजल को पीये। जल्द ही लाभ मिलेगा।

५.एनीमिया की समस्या- आज कल ३० की उम्र से अधिक की कई महिलाओं को खून की कमी की समस्या घेर लेती हैं। जानकारों के अनुसार, ताम्रजल रोज पीने से शरीर के आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी या विकार भी दूर हो जाते हैं।

६.पाचन को दूरूस्त करता हैं- आयुर्वेद के अनुसार, ८ घंटे से ज्यादा रखा हुआ जल को रोज पीने से पाचन की समस्यां दूर हो जाती हैं। यह एसिडिटी या गैस या फिर पेट से जूड़ी समस्या को दूर करने के लिए बहुत लाभकारी होता हैं।

७.डायरिया, दस्त और पीलिया रोग में- तांबे की प्रकृति में ऑलीगोडायनेमिक के रूप में( बैक्टीरिया पर धातुओं की स्टरलाइज प्रभाव) माना जाता है। इस लिये स्वच्छ ताम्रजल को नियमित रूप से पीने से सूक्ष्मजीव समाप्त हो जाते हैं। और डायरिया, दस्त और पीलिया जैसे रोग में राहत मिलती हैं।

८.स्वस्थ स्किन के लिए- रात भर का रखा हुआ ताम्रजल को अगले दिन की सूबह पीने से स्किन ग्लोइंग और हेल्दी रहती हैं।

९.दिल को स्वस्थ रखें- तांम्रजल को रोज पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल मे रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।

१०.वजन घटाने में- रोज व्यायाम के साथ तांम्रजल को पीना चाहिए। ऐसा करने से शरीर का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है। और साथ ही शरीर में किसी भी प्रकार की कमी या कमजोरी भी नहीं आती हैं।

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