प्राचीन उपाय: नहाते समय मंत्र का जाप कर दूर करें दरिद्रता।

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Snan-1पुराने समय में सभी सिद्ध पुरूष अर्थात् ऋषि-मुनि ब्रह्ममुहूर्त में नदी में नहाते समय मंत्रों का उचारण किया करते थें। जिससे उन्हें स्नान का अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती थी। परन्तु आज के दौर में सभी लोग इस बात को भूल कर आगे बड़ते जा रहें हैं। वहीं सर्द रितू में कई लोग १ से २ दिन छोड़ कर नहाते हैं। बता दें कि नहाने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है। शास्त्रों में सभी प्रकार के पूजन कर्म आदि नहाने के बाद ही संपन्न करने की बात कही गयी हैं। इसी कारण स्नान का काफी अधिक महत्व माना गया हैं।

हम लोगों ने अब तक सुख-समृद्धि पाने हेतू कई प्रकार के उपाय सूने और उपयोग में लाये हैं। परन्तु आज हम आपकों पानी से जुड़ा एक एैसा उपाय बता रहें हैं। जिसे करने के बाद आप भी अपना भाग्य बदल सकते हैं।

स्नान करने से पूर्व उपयोग में लाये ये उपाय-

स्नान से पूर्व पानी से भरी हुई पात्र में अपनी तर्जनी ऊंगली से एक त्रिभुज का चिह्न बना कर उसके बिचो-बिच ‘‘ह्नीं’’ मंत्र को लिखें। इसके बाद अपने ईष्ट देवी-देवता का ध्यान करके उनसें अपने परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करने से लाभ मिलता हैं।

नदी में स्नान करते समय-

Snan

अगर आप पर किसी की बुरी नजर लगी हो या फिर कुण्‍डली में किसी ग्रह का दोष चल रहा हो तो आपको नदी में स्नान करने से पूर्व जल पर ‘‘ॐ’’ लिखकर कर तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल की तो प्राप्ति होती है इसके साथ-साथ आसपास की सभी नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती हैं।

घर में स्नान के साथ जपे ये मंत्र-

जब आप स्नान करना शुरू करे तो उस समय ‘‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जल: स्मिन्सन्निधिं कुरू।।’’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं। और निकट भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं।

 

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