बेहद खास है उज्जैन का ये शिव मंदिर, मान्यता ऐसी कि दर्शन मात्र से नष्ट होते है सात जन्मों के पाप

0
25
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

इस महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है. बाबा महाकाल की नगरी मे कण कण मे शिव विराजमान है. इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से सात जन्मों के पाप का नाश होता है और व्यक्ति यहां के दर्शन मात्र से धनवान होता है.यहां साल भर सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं, लेकिन सावन के महीने में भगवान की विशेष पूजा के साथ-साथ विशेष शृंगार और महाआरती भी की जाती है.

शुभम मरमट/उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध महाकाल की नगरी में महादेव के कई रूप विराजमान है. जिनकी अलग ही पहचान और मान्यताएं हैं. माना जाता है कि महाकाल की नगरी में कंकर में शंकर का वास होता है, ऐसे ही एक मंदिर प्रतिहारेश्वर महादेव के नाम से भी प्रसिद्ध है. ये मंदिर पटनी बाजार मे भागशीपुरा में स्थित है

शिवलिंग के चारों ओर पुराने स्तंभ
प्रतिहारेश्वर महादेव के शिवलिंग के चारों ओर कुछ पुराने स्तंभ जैसे सूर्य, चंद्रमा, डमरू, ॐ, त्रिशूल, शंख आदि  से बने हुए हैं. मंदिर के पुजारी के अनुसार, यहां साल भर सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं, लेकिन सावन के महीने में भगवान की विशेष पूजा के साथ-साथ विशेष शृंगार और महाआरती भी की जाती है.पंडित मनीष जी ने कहा कि इस महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है. बाबा महाकाल की नगरी मे कण कण मे शिव विराजमान है. इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से सात जन्मों के पाप का नाश होता है और व्यक्ति यहां के दर्शन मात्र से धनवान होता है.

मंदिर की महिमा अनोखी
बता दें कि सावन माह में भगवान शिव के मंदिरों की श्रृंखला में धार्मिक नगरी उज्जैन में श्री प्रतिहारेश्वर महादेव का एक अत्यंत पवित्र स्थान है. मान्यता है कि इस मंदिर की महिमा अनोखी है और जो व्यक्ति सावन के महीने में उनके दर्शन करता है वह धनवान हो जाता है. जो व्यक्ति यहां पूरे विधि-विधान से पूजा करता है, उसके परिवार के सभी लोगों को स्वर्ग में जगह मिलती है.

श्री प्रतिहारेश्वर महादेव की कथा
एक बार महादेव उमा से विवाह के बाद सैकड़ों वर्षों तक रनिवास में रहे. देवताओं को चिंता हुई कि यदि महादेव को पुत्र हुआ तो वह तेजस्वी बालक त्रिलोक का विनाश कर देगा. ऐसे में गुरु महा तेजस्वी ने उपाय बताया कि आप सभी महादेव के पास जाकर गुहार लगाओ. जब सभी मंदिराचल पर्वत पहुंचे तो द्वार पर नंदी मिले. इस पर इंद्र ने अग्नि से कहा कि हंस बनकर नंदी की नजर चुराकर जाओ और महादेव से मिलो. हंस बने अग्नि ने महादेव के कान में कहा कि देवतागण द्वार पर खड़े इंतजार कर रहे हैं. इस पर महादेव द्वार पर आए तथा देवताओं की बात सुनी. उन्होंने देवताओं को पुत्र न होने देने का वचन दिया. लापरवाही के स्वरूप उन्होंने नंदी को दंड दिया. नंदी पृथ्वी पर गिरकर विलाप करने लगा. नंदी का विलाप सुनकर देवताओं ने नंदी से महाकाल वन जाकर शिवपूजा का महात्म्य बताया. नंदी ने वैसा ही किया. उसने लिंग पूजन कर वरदान प्राप्त किया. लिंग से ध्वनि आई कि तुमने महाभक्ति से पूजन किया है अतः तुम्हें वरदान है कि तुम्हारे नाम प्रतिहार से यह लिंग जाना जाएगा. तब से उसे प्रतिहारेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्धि मिली.

अपनी जन्म पत्रिका पे जानकारी/सुझाव के लिए सम्पर्क करें

WhatsApp no – 7699171717
Contact no – 9093366666

Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here