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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन की गई पूजा से ग्रह शांति प्राप्त होती है। इसका सीधा लाभ साधकों को मिलता है और उनके सभी कष्ट दूर होते हैं।
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26 फरवरी 2025, बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस विशेष अवसर पर पूजा-पाठ, स्नान और दान करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। उल्लेखनीय है कि त्रिदेव, अर्थात ब्रह्मा, विष्णु और महेश में भगवान शिव सृष्टि के संहारक माने जाते हैं। उनकी पूजा से विभिन्न दोषों और ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव की उपासना से चार प्रमुख ग्रहों के दुष्प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। आइए, जानते हैं-
कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय
चंद्रमा को मन और भावनाओं का कारक ग्रह माना जाता है। यदि कुंडली में चंद्र कमजोर हो, तो व्यक्ति मानसिक तनाव, अस्थिरता, भय और अनिश्चितता से ग्रस्त हो सकता है। ऐसे में महाशिवरात्रि पर निम्नलिखित उपाय करने से चंद्र देव को बल मिलता है:
- शिव की पूजा करें – भगवान शिव अपने जटाओं में चंद्रमा को धारण करते हैं, इसलिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का दूध, गंगाजल और कच्चे चावल से अभिषेक करें।
- चांदी के पात्र में जल अर्पण करें – यदि संभव हो, तो निशिता काल (रात 12 बजे के आसपास) में चांदी के लोटे से चंद्र देव को दूध अर्पित करें।
- मंत्र जाप करें – रुद्राक्ष की माला से ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
- सफेद वस्त्र और दान करें – शिवरात्रि के दिन सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और गरीबों को चावल, दूध, चीनी और सफेद मिठाई का दान करें।
- मोतियों की माला पहनें – यदि ज्योतिषीय सलाह मिले, तो चंद्रमा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए चांदी की अंगूठी में मोती (पर्ल) धारण करें।
इन उपायों से मानसिक शांति, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
मंगल दोष से मुक्ति के उपाय
मंगल दोष जातक के वैवाहिक जीवन, आक्रामक स्वभाव और करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो महाशिवरात्रि के दिन निम्नलिखित उपाय करें:
- भगवान शिव का अभिषेक करें – गंगाजल में लाल चंदन, गुड़ और लाल फूल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- मंगल मंत्र का जाप करें – ‘ॐ अंगारकाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें या ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः’ का जाप करें।
- हनुमान जी की पूजा करें – मंगल देवता हनुमान जी से जुड़े हैं, इसलिए शिवरात्रि पर हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं।
- लाल वस्त्र और दान करें – इस दिन किसी जरूरतमंद को लाल वस्त्र, मसूर की दाल, तांबा या गुड़ का दान करें।
- कोरल (मूंगा) धारण करें – ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार सोने या तांबे में जड़ा मूंगा (कोरल) धारण करने से मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
इन उपायों से मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे वैवाहिक जीवन में सामंजस्य आता है और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
भगवान शिव को ये चीजें चढ़ाएं– शिवलिंग पर गन्ने का रस, काला तिल और सरसों का तेल अर्पित करें।- शनि मंत्र का जाप करें – ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
- काली वस्तुओं का दान करें– काले तिल, काले कपड़े, लोहे की वस्तुएँ, सरसों का तेल और उड़द दाल का दान करें।
- हनुमान जी की आराधना करें– हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें चमेली के तेल में भीगे सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
- गरीबों को भोजन कराएं – खासकर किसी अपंग, वृद्ध या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इन उपायों से शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
राहु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय
राहु को छाया ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में भ्रम, अनिश्चितता और मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है। महाशिवरात्रि के दिन इन उपायों को करने से राहु के दुष्प्रभाव कम हो सकते हैं:
- भोलेनाथ का अभिषेक करें – जल में दूर्वा और कुश मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
- राहु मंत्र का जाप करें – ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
- पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें – ‘ॐ नमः शिवाय’ का कम से कम 11 बार जाप करें।
- काले और नीले वस्त्रों का दान करें – राहु के प्रभाव को कम करने के लिए जरूरतमंदों को नीले या काले कपड़े दान करें।
- सर्पों की सेवा करें– किसी शिव मंदिर में जाकर नागदेवता की पूजा करें और सफेद तिल अर्पित करें।
इन उपायों से राहु की नकारात्मक ऊर्जा शांत होती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
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