मां बगलामुखी का मंत्र और अर्थ-
‘क्क ऐं ऐ क्क ह्रीं बगलामुखी ईशानाय भूतादिपतये, वृषभ वाहनाय कर्पूर वर्णनाय त्रिशूल हस्ताय सपरिवाराय, एहि एहि मम्। विघ्नान् विभंज्जय विभंज्जय, क्क मम पत्नी अस्य अकाल मृत्यु मुखं मृत्यु स्तम्भय स्तम्भ्य, क्क हृीं मम पत्नी अस्य आकाल मृत्यु मुखं भेदय भेदय, क्क वश्यम् कुरू कुरू, क्क हृीं बगलामुखि हुम फट् स्वाहा।
मां बगलामुखी के मंत्र का महत्व–
इस मंत्र के महत्व की बात करें तो मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के पाप, संताप और मृत्यु जैसे घातक योग नष्ट हो जाते हैं। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कहावत है कि मानों तो पत्थर में भी भगवान और न मानो तो भगवान की मूरत भी मात्र एक निर्जीव पत्थर। ठीक उसी तरह मानो तो मंत्र शक्ति और न मानों तो बस शब्दों का ढेर।
मां बगलामुखी के मंत्र जाप की विधि-
मां बगलामुखी के इस मंत्र जाप को अत्यंत शुद्धता के साथ करना चाहिए। बीमार व्यक्ति स्वयं नहीं कर सकते हैं तो कोई अन्य उनके लिए मंत्र जाप कर सकता है। इस मंत्र जाप की विधि बहुत सरल है। सिर्फ 2 नियमों का पालन करना आवश्यक है। पहला ये कि मंत्र जाप स्नान के बाद किया जाए और दूसरा ये कि पूर्ण श्रद्धा से किया जाए।
मां बगलामुखी के मंत्र जाप के लाभ –
मां बगलामुखी के इस मंत्र जाप से व्यक्ति को असाध्य से असाध्य रोग से मुक्ति मिल जाती है। मां बगलामुखी के इस मंत्र जाप से बीमारी व्यक्ति का शरीर छोड़ने लगती है।
इस मंत्र जाप के प्रभाव से कुंडली में में मौजूद अशुभ ग्रह और अकाल मृत्यु जैसे अशुभ योग भी नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, इस मंत्र जाप से घर में भी सुख-समृद्धि और संपन्नता का वास बना रहता है।
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