राहुकाल का अधिपति ग्रह राहु है, जो कि अशुभ फल प्रदान करता है. हर दिन डेढ़ घंटे का समय राहुकाल का होता है. मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय का आठवां हिस्सा राहु का माना जाता है, वही राहुकाल होता है.
राहुकाल की गणना
सूर्योदय के समय, स्थान और दिन के अनुसार राहुकाल की गणना होती है. हर दिन का अलग अलग राहुकाल होता है. दिन के ही राहुकाल की मान्यता है. मंगलवार, शनिवार और रविवार के राहुकाल को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इन तीनों दिनों में राहुकाल के समय में राहु प्रभावी होता है.
राहुकाल में वर्जित कार्य
1. राहुकाल के समय में आपको कोई नया बिजनेस, नई परियोजना या कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए.
2. राहुकाल में आपको अपने महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ी यात्राएं नहीं करनी चाहिए. संभव हो तो उसे टाल देना चाहिए.
3. राहुकाल में मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, विदाई, विवाह, सगाई जैसे सभी मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है.
4. इस तरह से ही राहुकाल में कोई भी प्रॉपर्टी, वाहन, आभूषण, वस्तुओं का लेन-देन या खरीद-बेच नहीं करते हैं.
5. राहुकाल के समय में यज्ञ करना भी वर्जित है.
अपनी पत्रिका पर विमोचना के लिए अभी कॉल करें 7699171717