क्या आप जानते हैं उन कारणों को, जिनसे मां लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहती है। शुक्रवार के दिन जो भक्त देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनके लिए संसार में कुछ भी अप्राप्य नहीं है। गृहलक्ष्मी देवी गृहिणियों यानी घर की स्त्रियों में लज्जा, क्षमा, शील, स्नेह और ममता रूप में विराजमान रहती हैं। वे मकान में प्रेम तथा जीवंतता का संचार कर उसे घर बनाती हैं। इनकी अनुपस्थिति में घर कलह, झगड़ों, निराशा आदि से भर जाता है। गृहस्वामिनी को गृहलक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। जहां गृहस्वामिनी का सम्मान नहीं होता है, गृह लक्ष्मी उस घर को त्याग देती है। आइए जानते हैं शुक्रवार के ऐसे उपाय जो देते हैं धन और समृद्धि का वरदान….
उपाय–
1. सुबह उठते ही मां लक्ष्मी को नमन कर सफेद वस्त्र धारण करें और मां लक्ष्मी के श्री स्वरूप व चित्र के सामने खड़े होकर श्री सूक्त का पाठ करें एवं कमल का फूल चढ़ाएं।
2. घर से काम पर निकलते समय थोड़ा-सा मीठा दही खाकर निकलें।
3. अगर पति-पत्नी में तनाव रहता है तो शुक्रवार के दिन अपने शयनकक्ष में प्रेमी पक्षी जोड़े की तस्वीर लगाएं।
4. अगर आपके काम में अवरोध आ रहा है, तो शुक्रवार के दिन काली चींटियों को शकर डालें।
5.शुक्रवार को माता लक्ष्मी के मंदिर जाकर शंख, कौड़ी, कमल, मखाना, बताशा मां को अर्पित करें। ये सब महालक्ष्मी मां को बहुत प्रिय हैं।
6. गजलक्ष्मी मां की उपासना करने से संपत्ति और संतान की प्राप्ति होती है।
7. वीरलक्ष्मी माता की उपासना सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य भी देने वाली होती है।
8. लक्ष्मी मां का एक रूप अन्न भी है। कुछ लोग क्रोध आने पर भोजन की थाली फेंक देते हैं। इस तरह की आदत धन, वैभव एवं पारिवारिक सुख के लिए नुकसानदायक होती है।
9. घर में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रहकर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिलाकर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लंबे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास होता है।
10. घर में बार-बार धनहानि हो रही हो तो वीरवार को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़ककर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए कि भविष्य में घर में धनहानि का सामना न करना पड़ें। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए।
ये कार्य ना करें :
1. इस दिन खट्टा न खाएं तो आपके साथ अच्छा ही होगा।
2. किसी भी प्रकार से शरीर पर गंदगी न रखें अन्यथा आकस्मिक घटना-दुर्घटना हो सकती है।
3. पिशाची या निशाचरों के कर्म से दूर रहें।
4. नैऋत्य, पश्चिम और दक्षिण में यात्रा न करें। खासकर इस दिन पश्चिम में दिशाशूल रहता। जरूरी हो तो इस दिन कुछ जौ के दाने चबाकर यात्रा कर सकते हैं।
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