२२ अप्रैल को मनाया जायेगा गंगा सप्तमी, इस दिन माँ गंगा की हुई थी उत्पति!
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को माँ गंगा स्वर्गलोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थी। अथार्त इस दिन माँ गंगाजी की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए यह दिन माँ गंगाजी को समर्पित हैं। इस दिन को गंगा सप्तमी व गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, जीवनदायिनी गंगा में स्नान, पुण्यसलिला नर्मदा के दर्शन और मोक्षदायिनी शिप्रा के स्मरण मात्र से मोक्ष मिल जाता हैं। अत: इसी क्रम में आज हम आपको बताऐंगे की कैसे कुछ सरल कार्यों के द्वारा आप अपने पापों का क्षय एवं मोक्ष पानें की कामना पूर्ति कर सकते हैं।
१.इस दिन का गंगा स्नान सभी पापों से मुक्ति का द्वार खोल देता हैं।
२.इस दिन का किया गया पुण्यदायी कार्य सभी पापों से मुक्ति दिला देता हैं।
३.इस दिन किया गया दान का विशेष महत्व हैं।
४.इस तिथि पर गंगा स्नान, तप ध्यान तथा दान करने से मनुष्य को इस लोक के आमागमन से मुक्ति मिल जाती है अर्थात मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं।
५.शास्त्रों के अनुसार, इस तिथि पर गंगा पूजन से कुण्डली में चल रही मांगलिक दोष से जातकों को विशेष लाभ की प्राप्ती होती हैं।
६.विधि-विधान से किए गए गंगा का पूजन अमोघ फल प्रदान करता हैं। और रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती हैं।