अमृत सिद्ध: 05:52 AM से 07:18 AM तक
अभिजीत: 11:57 AM से 12:52 PM तक
चरू: 02:32 PM से 03:27 PM तक
तिथि: पूर्णिमा
नक्षत्र: रेवती
योग: हर्षण
करण: बालव
सूर्योदय: लगभग 6:28 AM
सूर्यास्त: लगभग 5:56 PM
पंचांग के विभिन्न अंगों का अर्थ
तिथि: चंद्रमा के पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में लगने वाले समय को 30 बराबर भागों में बाँटा जाता है, प्रत्येक भाग को तिथि कहते हैं।
नक्षत्र: चंद्रमा के राशि चक्र में भ्रमण के दौरान 27 नक्षत्रों से गुजरता है।
योग: सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर बनने वाले योग होते हैं।
करण: तिथि का आधा भाग करण कहलाता है।
राहुकाल: राहु ग्रह का अशुभ काल माना जाता है। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगंड: यमराज का काल माना जाता है।
विष्कंभ: यह सूर्य और चंद्रमा की आपसी दूरी को दर्शाता है।
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