किस मंत्र उच्चारण करने से कौन सा मिलेगा लाभ!
आइये जाने
करे निम्न मंत्रो का उच्चारण-
इंटरव्यू में सफलता के लिए-
आप लिखित परीक्षा में बार-बार सफल होते हैं, परंतु इंटरव्यू में आकर प्रत्येक बार असफल हो जाते हैं। इंटरव्यू बोर्ड तक आपकी पहुंच या एप्रोच नही हैं तो घबराएं नहीं, दिये गये प्रयोग करने से आपका का भी दूसरे प्रतियोगियों के भाती फेयर सलेक्शन क्रम में चुने जाएंगे।
प्रयोग-रविवार के दिन प्रातः काल सूर्योदय के समय सर्वप्रथम सूर्य को नमस्कार करें, इसके बाद कच्चा सूत लेकर उस पर निम्न मंत्र को 108 बार यानी एक माला जपते हुए एक गांठ लगाएं। इस प्रकार उस सूत पर सात माला जपते हुए सात गांठ लगाएं।
मंत्र
ऊँ गं गणपतये नमः।
अब इस सूत को तावीज में स्थापित कर सामने वाली जेब में रखकर इंटरव्यू देने चले जाएं। सफलता अवश्य मिलेगी।
रोजगार प्राप्ति हेतु प्रयोग-
बहुत से विद्यार्थी स्नातक, स्नातकोत्तर होने के बाद भी रोजगार प्राप्त नहीं कर पाते। ऐसे विद्यार्थी निम्न मंत्र के एक लाख जप करें तो उन्हें रोजगार अवश्य प्राप्त हो जाएगा।
विश्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।
जो विद्यार्थी हनुमान जी के परम भक्त हो, वे यह कार्य करने हेतू जाप हनुमान जी के सनमुख होकर करे और मंगलवार के दिन दक्षिणमुखी हनुमान जी की 108 परिक्रमा करके हनुमान जी को सिन्दूर एवं माली पन्ना, जिस पर राम-राम लिखकर वागा या आंगी या चोला चढ़ाएं। श्रद्धानुसार चांदी अथवा सोने के वरक से भी आंगी या वागा या चोला चढ़ा सकते हैं। उसके बाद उसी दिन हनुमान जी से अपने कार्य करवाने हेतू निम्न मंत्र के 10000 जप करें।
मंत्र
कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होई तात तुम्ह पाही।।
मंगलवार के दिन यह प्रयोग बिना खाए-पिए अर्थात उपवास रखकर करना चाहिए। आपको शीघ्र सफलता प्राप्त होगी।
घर से बाहर नई नौकरी, परीक्षा देने, इंटरव्यू देने जाते समय परिवार का सदस्य साबूत मूंग के दाने इंटरव्यू के लिए जाने वाले पर छिड़के, दानों को परिवार का कोई सदस्य नहीं उठाए। दाने इस प्रकार छिड़कें कि सिर पर रह जाएं। उस व्यक्ति के जाने के बाद दानों को झाड़ू लगाकर बाहर फेंक दें।
व्यापार में बिक्री वृद्धि हेतू-
कई बार व्यवसायी वर्ग की बिक्री बहुत कम हो जाती है या बिक्री को अथवा दुकान को कोई दुश्मन या प्रतिद्वन्द्वी व्यापारी बांध देता है। अगर कोई व्यापारी इस प्रकार की स्थिति में है कि उसके ग्राहकों की संख्या बहुत कम रह गई है तो वह इस प्रयोग को अपनाएं।
सोमवार को प्रातःकाल अमृत चैघड़िये में सफेद चन्दन लेकर आएं तथा उसे नीले धागे में पिरो लें। इसके पश्चात् उस पर निम्न मंत्र की एक माला अर्थात 108 बार पढ़ें और तिजोरी में रख लें।
मंत्र
ऊँ दुर्गे स्मृता हरसिभीति मशेष जन्तो,
स्वस्थेः स्मृता मति मतीव शुभाम्ददासि।
विद्यार्थियों के लिए-
कई बार देखने में आता है कि विद्यार्थी पढ़ने-लिखने में कोई कसर बाकी नहीं रखता, फिर भी परीक्षा में वह उत्तीर्ण नहीं हो पाता। इसके कई कारण हो सकते हैं यथा पढ़ा-लिखा विषय भूल जाना, विद्यार्थी का मंदबुद्धि होना आदि। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि विद्यार्थी परीक्षाओं में तो सफलता अर्जित कर लेता है, परंतु रोजगार के क्षेत्र में योग्य होने के बावजूद असफल हो जाता है। इसी कारण वह अपसेट रहता है और निराशा के वशीभूत होकर अन्यमनस्क-सा रहता है। इस स्थिति से उबरने के लिए जहां उसे पारिवारिक सहयोग की आवश्यकता होती है, वहीं कुछ मंत्रो के प्रयोग भी उसके लिए कारगर सिद्ध हो सकते हैं। इन प्रयोगों को अपनाकर वह सफलता की ऊंचाइयों को भी छू सकता है।
मंद बुद्धि छात्रों के लिए-
शरीर से अच्छे और मस्तिष्क से स्वस्थ होने के बाद भी बहुत से विद्यार्थियों का मन दिन भर खेलने में ही रहता है। ऐसे बच्चों के माता-पिता कई बार बहुत टेन्शन में आ जाते हैं। ऐसे में चिन्ता करने की कतई जरूरत नहीं हैं। निम्न दिये गये प्रयोग को करें।
प्रयोग- रात्रि के लगभग 12 बजे थोड़े से बाल बच्चे की चोटी के स्थान से काट लें और उन्हें अपने पास रख लें। यह क्रिया रविवार से प्रारम्भ करे। पांच रात्रि यही क्रिया करके, फिर पांचों रात्रि के एकत्र किए गए बाल को शनिवार के दिन जलाकर बाहर फेंक कर पैर से रगड़ दें। बच्चें का पढ़ाई में मन लगने लगगा।
इस मंत्र का यथाशक्ति संख्या में जप स्वयं करें या बच्चे से करवाएं।
मंत्र
ऊँ हृीं ऐं हृीं सरस्वत्यै नमः।
बुद्धि एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने हेतु प्रयोग-
विद्यार्थी को चाहिए कि जब भी पढ़ाई करने बैठे एक बार इस मंत्र का पाठ करके ही पढ़ाई शुरू करे।
ऊँ सरस्वती वाग्वादिनी काश्मीर वासिनी हंस वाहिनी बहु बुद्धिदायिनी मम जिव्हा ग्रहे स्थिर भव सर्वजन वशीकरणी स्वाहा।
वाहन दुर्घटना टालनें हेतू प्रयोग-
वाहन निजी हो या व्यावसायिक, उसे चलाने वाला हमेशा मौत के ही डगर पर सफर कर रहा होता है। जरूरी नहीं कि गलती आप से ही हो, सामने वाले से भी हो समती है। आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचने के लिए निचे कुछ सरल प्रयोग दिए जा रहे हैं, इन्हें अपनाएं और ईश्वर की कृपा का अद्भुत नजारा देखें।
चीनी मिला दही खाकर उसके बाद प्रस्थान करें। प्रस्थान करने से पूर्व 5 बार निम्न मंत्र उच्चारण करें।
मंत्र
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा।।
इसके बाद ही गाड़ी को चलायें।
वाहन चालक यदि कर सके तो निम्न मंत्र को ग्यारह बार जप कर वाहन चलाना प्रारम्भ करे तो निर्धारित समय में गंतव्य स्थान पर पहुंच जाएगा।
मंत्र
पंथान सुपथा रक्षे मार्ग क्षेमंकरी तथा राजद्वारे महालक्ष्मी विजया सर्वतः स्थिता।
शनि यदि अष्टम स्थान में हो तो कार, जीप, बस आदि वाहन दुर्घटना से मृत्यु होती है। चतुर्थ स्थान का स्वामी शनि से युक्त होकर छठे हो तो वायुयान दुर्घटना से मृत्यु होती है। मंगल यदि चतुर्थ स्थान में हो और सूर्य दशम भाव में हो तो वाहन के गिरने से मृत्यु होती है। अष्टमेश यदि चतुर्थेश से युक्त हो तो वाहन से मृत्यु होती है।
उपाय-संबंधित ग्रह को बलवान करना चाहिए एवं यात्रा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का सतत जाप करते रहना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्।
उर्वारूकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
के ग्यारह लाख जप ब्राह्मण से करवाएं अथवा स्वयं करें, तभी यह योग टाला जा सकता है, अन्यथा विधि का विधान निश्चित है, वह घटित होता ही है और कोई भी ज्योतिषी ऐसा बुरा योग आपका दिखने पर भी आपको नहीं बताएगा। अतः अगर आप सुखी जीवन जीना चाहते हैं, परिवार को छोड़कर नहीं जाना चाहते तो यह उपाय अवश्य करें। मंत्र जप विधि के विधान को भी बदल देते हैं।
पुत्र प्राप्ति हेतु उपाय-
जीवन के सुखों में पुत्र सुख बहुत ही महत्वपूर्ण सुख है। यदि शरीर बिल्कुल स्वस्थ है, किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है, घर में सभी नीरोग और स्वस्थ हैं, आवश्यकता के अनुरूप आय भी है, परंतु यदि पुत्र सुख नहीं है तो उस व्यक्ति का जीवन दुखों से घिर जाता है। जिस घर में, परिवार में वंश वृद्धि करने वाला पुत्र न हो, वहां सारे सुख बेकार होते हैं, व्यर्थ लगते हैं, व्यक्ति सदैव उदास-सा रहता है।
उपाय-निम्न मंत्र का जाप सुबह भगवान शिव के सनमुख को कर करने से पुत्र प्राप्ति होती है।
मंत्र
ऊँ देवकी सुत गोविन्दं वासुदेव जगत्पते
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।