Gwalpara me sthit hai Maa ka Mahamaya Mandir

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ग्वालपाड़ा में स्थित हैं माँ का महामाया मंदिर

1---Mahamaya-Dham

महामाया मंदिर, ग्वालपाड़ा जिला के प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। जो कि असम के वेस्टर्न क्षेत्र के ढूबरी जिला में महामाया थान के नाम से विश्व-प्रसिद्ध है। यह इस क्षेत्र में सबसे प्राचीन शक्ति पीठों में से एक है। वहीं यात्रीयों के दृष्टि से महामाया मंदिर, गुवाहाटी के कामाख्या और कुच बेहार के मदन-मोहन तीर्थस्थल के समतुल्य तीर्थस्थली है। महामाया मंदिर, लगभग ३५ किमी ढूबरी शहर के पूरब से और १० किमी बीलाशीपुर शहर के पश्चिम से बोग्रीबरी स्थान पर स्थित है। महामाया मंदिर में देश के कोने-कोने से दर्शनार्थी दर्शन करने हेतू आते है और राज्य के इस स्थल को विशेष बनाते है।2...............Mahamaya-Dham ka Vrikch

नवरात्रि के दौरान यहां के स्थानीय लोग मेला का आयोजन करते है। यहां के लोगों को महामाया देवी पर अपार विश्वास है, इसीलिए वे इस उत्सव को धूमधाम से मनाते है।
प्रत्येक साल के प्रथम एवं दूसरे महीने में यहां पर शक्ति-यज्ञ का आयोजन किया जाता है। जहां पर विश्व भर से और पड़ोस राज्यों से भी भक्तगण लाखों की तादार में पहुंचते है एवं इस यज्ञ में अपनी-अपनी सहभागिता देने के साथ-साथ अपनी मौजूदगी भी दर्ज कराते है। दूसरे राज्यों के लोग विशेष रूप से इस उत्सव के दौरान यहां की सैर पर आते है। यहां की भक्त मंडली, भक्तों को इस स्थान तक लाने की बस सुविधा प्रदान करती है। सार्वजनिक अधिकारी और स्थानीय निवासी, इस स्थल को पर्यटकों के बीच अधिक आकर्षित बनाने के लिए नई-नई पहल हमेशा चलाते है।

४०० वर्ष पूर्व महामाया मंदिर का हुआ था पुन: निर्माण-

3-----------Mahamaya Temple-1

 

        स्थानीय लोगों का कहना हैं कि यह मंदिर ४ सौ वर्ष पुराना है। एवं उनकी मानना है कि प्राकृतिक आपदा के चलते पहले निर्मित मंदिर पूरी तरह से ध्वंस हो चुकी थी। जिसके बाद भगवान ने यहां के एक स्थानीय निवासी के सपने में दर्शन दिये और कहा कि इस मंदिर को पुननिर्माण करवा कर रोज माता की पूजन-अर्चन किया करे। फिर उस व्यक्ति ने देव-आदेशानुसार मंदिर का पुन:निर्माण करवाया और आगे भी इस मंदिर का शेष निर्माण कार्य चलता रहा। आज मंदिर में समय के साथ माता काली, एक विशालतम हनुमान जी और भी दूसरे देवी-देवताओं के संग मूर्तियां विभूषित है।

4------------Mahamaya Temple ka bajar        यहां लाखों की तादार में आये हुऐ भक्तगणों के लिए पास में ही देवी माँ को चड़ाने हेतू चुन्दरी, नारियलप्रसाद इत्यादी दुकानें मौजूद हैं।

वहीं कुछ ही दूरी पर महामाया स्नानघाट मंदिर स्थापीत है। वहां की मानयता है कि पूर्व समय में माँ महामाया यहां स्नान हेतू आया करती थी। इसी कारण से यह स्थान स्नानघाट मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचा जाये महामाया मंदिर-

6-------------Mahamaya Temple pahuchane ka map9--------------12Mahamaya Temple ka bajarयह गुवाहटी से २९० किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए बस और ट्रेन सुविधानुसार मिलता रहता है। यह ग्वालपाड़ा जिला का भूतपूर्व मुख्यालय हुआ करता था। जिसे १८७६ में, ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित किया गया था। बाद में १९८३ में, ग्वालपाड़ा जिला कोे चार भागों में बाट दिया गया जिसमें की ढूबरी इन चारों में से एक हैं। यह ब्रह्मपुत्र और गदाधर नदियों के किनारों पर एक पुराना शहर है।

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