Jane kaha per hai Bharat me Hajaro Saal Purane Dus Mandir?

0
1851
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry
123

जाने कहाँ पर है भारत में हजारों साल पुराने दस मंदिर?

१.केदार नाथ मंदिर-

Kedar Nath Mandir

हजारों वर्षों से केदारनाथ भक्तों के आस्था का केन्द्र एवं महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा रहा है। इसका प्रचीनतम काल होने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैै। राहुल सांकृत्यायन के अनुसार ये १२-१३ वीं शताब्दी का है। वहीं एक मान्यतानुसार वर्तमान मंदिर ८ वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा बनवाया गया था। केदार नाथ मंदिर के सीढ़ियों पर पाली या ब्राह्मी लिपि में कुछ खुदा है, जिसे पड़ पाना मुमकिन नहीं है।

२.तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर-

तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर-

यह मंदिर तमिलनाडु के चोल शासक राज राज प्रथम के शासक काल में बनवाया गया था। इसलिए इस मंदिर को राजराजेश्वर नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अपने चोल वास्तुकला का शानदार एग्जाम्पल है।

३.द्ववारिकाधीश मंदिर-

द्ववारिकाधीश मंदिर-

द्वापर युग के समय भगवान श्रीकृष्ण ने समुंद्र से नगर निर्माण के लिए भुमि मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने द्ववारिका पुरी नगर का निर्माण किया। कलियुग के आरम्भ होने के पुर्व ही वे अपने लोक को चले गये। वहीं उनके जाने के बाद समुंद्र भी अपनी भुमि को द्ववारिका पुरी नगर के साथ अपने गर्भ में समा लिया। जिसके बाद उनके प्रपोत्र वज्रनाथ ने समुंद्र किनारे द्ववारिकाधीश मंदिर का निर्माण किया। कालांतर में इस मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा। इसे शंकराचार्यजी ने चार धामों में से एक के रूप में स्थापित किया। वर्तमान में जो मंदिर है उसका स्वरूप १६वी शताब्दी में दिया गया।

४.बद्रीनाथ मंदिर-

बद्रीनाथ मंदिर-

भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर ८वीं शताब्दी में आद्य शंकराचार्य ने हिंदू मंदिर के रूप में स्थापित किया था। मान्यता के अनुसार उत्तराखंड के पहाड़ों में स्थित यह बद्रीनाथ मंदिर एक बौद्ध स्तूप हुआ करता था।

५.बादामी मंदिर-

बादामी मंदिर-

बादामी उत्तर कर्नाटक के बागलकोट जिले का एक प्राचीन शहर है। यह शहर जो वातापी के नाम से भी जाना जाता है। ६वीं से ८वीं शताब्दी तक चालुक्य राजवंश की राजधानी था। घाटी में स्थित सुनहरे बलुआ पत्थर की चट्टानों से घिरा हुआ वातापी जो कि बादामी का उस समय का नाम था, दक्षिण भारत के उन प्राचीन स्थानों में से है यहां बहुत अधिक मात्रा में मंदिरों का निर्माण हुआ। बादामी अपने सुंदर गुफा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो अगत्स्य झील के आसपास स्थित हैं।

६.बेलूर कर्नाटक का चेन्नाकेसवा मंदिर-

बेलूर कर्नाटक का चेन्नाकेसवा मंदिर-

होयसल साम्राज्य के दौरान १० शताब्दी में चेन्नाकेसवा मंदिर का निर्माण करवाया गया था। इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर वास्तुकला का उत्तम उदाहरण हैं।

७.महाराष्ट्र का कैलाश मंदिर-

महाराष्ट्र का कैलाश मंदिर-

इस मंदिर को देखने के बाद हमारे जहन में एलोरा की गुफाओं का दृश्य सामने आता है। यह मंदिर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को दो चट्टानों को काट कर बनाया गया था। पूरी दुनिया में एक ही पत्थर की शिला से बनी सबसे बड़ी मूर्ति के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है। मान्यता के अनुसार इस मंदिर के निर्माण में ७००० मजदूरों की मदद से १५० वर्ष में पूरा किया गया था।

८.राजस्थान पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर-

राजस्थान पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर-

पद्यपुराण सहित अन्य ग्रंथों में इस ब्रह्मा मंदिर का उल्लेख मिलता है। मान्यता के अनुसार राजस्थान के अजमेर शहर से ११ किमी की दूरी पर स्थित पुष्कर में २००० वर्ष पुराना ब्रह्मा का पूरे विश्व में एकलौता प्राचीन मंदिर है। यहां ब्रह्मा के स्वरूप का दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तगण आते है।

९.श्री रंगनाथस्वामी मंदिर-

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर-

भगवान विष्णु को समर्पित एवं द्रविण शैली में बना श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर भारत के सभी मंदिरों में अपने क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा मंदिर है। कहा जाता है कि इसका क्षेत्रफल ६३१००० वर्ग मीटर है।

१०.श्री वरदराजा पेरूमल मंदिर-

श्री वरदराजा पेरूमल मंदिर-

राजा कृष्णवर्मा के काल में तामिरभरणी नदी के तट पर बना सदियों पहले श्री वरदराजा पेरूमल मंदिर, एक योद्धा श्री वरदराजा पेरूमल के नाम पर बना है। इनके बारे में कहा जाता था कि यह अपने काल में एक कट्टर अनुयायी रहे थे।
बता दें कि पौराणिक कथा के अनुसार जब राजा कृष्णवर्मा पर पड़ोसी राज्य के राजा ने हमला किया तो इस देवता ने वीरराघवन के रूप में राजा की युद्ध में मदद की थी। इसके फलस्वरूप राजा ने सम्मान हेतू इस मंदिर का निर्माण किया था। इस मंदिर के पास में ही राजा ने एक नगर का भी निर्माण करवाया जो वीरराघवपुरम के नाम से जाना जाता है।

Like
Like Love Haha Wow Sad Angry
123

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here