शंगचूल महादेव मंदिर,
जहाँ मिलता है घर से भागे हुए प्रेमियों को शरण
आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि घर से भागे हुए जिन प्रेमियों को दुनिया के किसी भी कोने में आश्रय नहीं मिलता उन प्रेमियों को भगवान भोले नाथ अपने धाम शंगचूल में आश्रय देते है। मान्यता है किे भगवान शिव स्वयं इन प्रेमियों की रक्षा करते है। बता दें किे हिमालय के कुल्लू के शांघड़ गांव के सेंज वैली के देवता शंगचूल महादेव का अति प्राचीन शंगचूल महादेव मंदिर है। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां घर से भागे प्रेमी जोड़ों को शरण दी जाती है। और जब तक दोनों के घर वालें दोनों प्रेमी जोड़ों की शादी नहीं करा देते है। तब तक मंदिर के पुजारी इन जोड़ों की खातिर-दारी करते है।
अगर शंगचूल महादेव की सीमा में किसी भी जाति के प्रेमी युगल पहुच जाते हैं तो फिर जब तक वह इस मंदिर की सीमा में रहते हैं उनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। यहां तक की प्रेमी युगल के परिजन भी उससे कुछ नहीं कह सकते। शंगचुल महादेव मंदिर का सीमा क्षेत्र करीब १०० बीघा का मैदान है। जैसे ही इस सीमा में कोई प्रेमी युगल पहुंचता है वैसे ही उसे देवता की शरण में आया हुआ मान लिया जाता है। इस गांव में पुलिस के आने पर भी प्रतिबंध है। इसके साथ ही यहां शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान लेकर आना भी वर्जित है। न कोई हथियार लेकर यहां प्रवेश कर सकता है और न ही किसी प्रकार का लड़ाई झगड़ा तथा ऊंची आवाज में बात नहीं कर सकता है।
पांडव ने भी ली थी भगवान भोले नाथ की शरण-
अपने अज्ञातवाश के दौरान पांडव ने भी इस स्थान पर आकर पिछा कर रहें कौरवों से अपनी रक्षा हेतू भगवान शंगचूल महादेव की शरण ली थी। जिसके बाद स्वयं भगवान भोलेनाथ ने शरण में आये हुए पाण्डवों की रक्षा हेतू कौरवों को वापस जाने और उनका अहित न करने की आदेश दिया। महादेव के आदेश एवं उनके डर से कौरव वापस अपने राज्य को लौट गए। तब से लेकर आज तक हर उस जनमानस को शरण मिलता है जिसको किसी कारण वश समाज ने नहीं अपनाया था।