जन्माष्टमी
को करें ये अचूक ज्योतिष उपाय तो होगी सुख-समृद्धि की प्राप्ती!
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव को हम त्यौहार के रूप में मनाते हैं। इस त्यौहर में अगर हम ज्योतिष उपायों को करें तो हमें स्थिर सुख-समृद्धि की प्राप्ती होती है। शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण की पत्नी रूकमणी के रूप में माता लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई थी। और उनका प्रिय दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्माष्टमी का दिन है। इस दिन को तंत्र शास्त्र के अनुसार मोहरात्रि कहा गया है। तंत्र शास्त्र में किसी भी सिद्धि या मनोकामना को पूरा करने के लिए चार रात्रियां सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इनमें पहली कालरात्रि है, जिसे नरक चतुर्दशी या दीपावली भी कहा जाता है। दूसरी अहोरात्रि या शिवरात्रि है। तीसरी दारूणरात्रि या होली है और चौथी मोहरात्रि या जन्माष्टमी हैं। अत: इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यदि आप जन्माष्टमी के दिन ये उपाय पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से करेंगे तो आपको अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी।
ज्योतिष उपाय-
१.यदि आप संतान की इच्छा रखते हैं तो जन्माष्टमी पर नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान पूर्वक जाप करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बन सकते हैं।
मंत्र-
एें क्लीं देवकी सुत गोविंद, वासुदेव, जगत्पते।
देहि में तनय कृष्ण, त्वाम अहं शरणं गत: क्लीं।।
जाप विधि- जन्माष्टमी को सुबह या शाम के समय कुश के आसन पर विराजीत इस मंत्र का जाप करें। सामने बालगोपाल की मूर्ति या चित्र अवश्य रखें और मन में बालगोपाल का स्मरण करें। कम से कम ५ माला जाप अवश्य करें। जाप के बाद माखन-मिश्री का भोग लगाएं और स्वस्थ व सुंदर संतान के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
२.जन्माष्टमी पर किसी कृष्ण मंदिर जाकर तुलसी की माला से निचे लिखे मंत्र की ११ माला जाप करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीले कपड़े व तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इस उपाय से आपकी हर समस्या का समाधान हो सकता है।
मंत्र
क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि: परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:
३.अगर कर्ज के बोझ तले दबे हुए हो तो श्मशान के कुएं का जल लाकर पीपल के वृक्ष पर जन्माष्टमी से लेकर नियमित रूप से जल शनिवार तक चढ़ाएं। कर्ज से मुक्त हो जायेगें।
४.जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम ११ बादाम चढ़ाएं। ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरूआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज का अभाव नहीं रहता है।
५.यदि आपकी आमदनी में कोई इजाफा नही हो रहा है और नौकरी में प्रमोशन भी नहीं हो रहा हो तो जन्माष्टमी के दिन सात कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। यह काम पांच शुक्रवार तक लगातार करें।
६.जन्माष्टमी के दिन प्रात: दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।
७.लक्ष्मी कृपा पाने के लिए जन्माष्टमी पर कहीं केले के दो पौधे लगा दें। बाद में उनकी नियमित देखभाल करते रहें। जब पौधे फल देने लगे तो इनका दान करें, स्वयं न खाएं। सारे रूके हुए कार्य पूर्ण हो जायेगें।
८.जन्माष्टमी को शाम के समय तुलसी को गाय के घी का दीपक जलाएं और
मंत्र
ॐ वासुदवाय नम:
बोलते हुए तुलसी की ११ परिक्रमा करें। रूके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है।
९.जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिष्ठान, साबुतदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं उसमें चीनी की जगह मिश्री डाले एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान श्री कृष्ण की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते है।
१०.आर्थिक संकट के निवारण और धन लाभ के लिए जन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आद करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है और धन लाभ के योग प्रबल बनते है।
११.अपने जीवन में सभी तरह की सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए जन्माष्टमी के दिन पीले चंदन, केसर, गुलाबजल मिलाकर माथे पर टीका-बिंदी लगाएं। यह काम हर गुरूवार को करें।
१२.जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें फिर उसके बाद उस पत्ते पर रोली से श्री मंत्र लिखकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस लगातार उपाय से धन का आगमन होता रहता है।
१३.भगवान श्रीकृष्ण पीतांबर धारी भी कहलाते हैं। पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र धारण करता हो। इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिष्ठान दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं। परिणाम स्वरूप उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं रहती है।
१४.जन्माष्टमी की रात को १२ बजे भगवान श्रीकृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से जीवन में स्थाई रूप से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।