Pitru Paksha me Kaise kare Pitra Dosh ka Niwarad?

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पितृ पक्ष में कैसे करें पितृ दोष का निवारण?

pitradosh-1पितृ दोष निवारण के लिए शास्त्रों में पितृ पक्ष का समय अति-उत्तम माना गया हैं। इस दौरान किये गऐ निवारण से पितर को शांति और प्रसन्नता मिलती है। और हमें उनके आर्शीवाद की भी प्राप्ति होती हैं। जिसके चलते जीवन में रूके हुऐ हर कार्य सम्पूर्ण और घर-परिवार में खुशीयों का वास होता हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में श्राद्ध की व्यवस्था इसलिए की गई है। कि व्यक्ति साल में एक बार अपने पितरों को याद कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त कर सके। इस लिए इस दौरान किया गया पितरों को तर्पण, पिण्डदान व श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती हैं। और अगर इस दौरान पितरों के प्रति तर्पण, पिण्डदान व श्राद्ध न करें तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।

कैसे जाने पितृ दौष के बारे में?

१. घर-परिवार में किसी न किसी कारण झगड़ा होता रहता है। परिवार के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है व मानसिक अशांति के कारण जीना दूभर हो जाता है।

२. पितृ दोष होने पर परिवार का एक न एक सदस्य निरंतर रूप से बीमार रहता है। यह बीमारी भी जल्दी नहीं जाती हैं।

३. जिन लोगों की कुण्डली में पितृ दोष होता है उनके यहां संतान होने में समस्याएं आती हैं। कई बार तो संतान पैदा ही नहीं होती और यदि संतान हो जाए तो उनमें से कुछ अधिक समय तक जीवित नहीं रहती हैं।

४. यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी मुकदमों में उलझा रहे या बिना किसी कारण उसे कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटना पड़े तो ये भी पितृ दोष का कारण हो सकता हैं।

५. पितृ दोष होने के कारण ऐसे लोगों को हमेशा धन की कमी रहती है। किसी न किसी रूप में धन की हानि होती रहती हैं।

६. पितृ दोष होने के कारण कन्या के विवाह में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है या तो कन्या का विवाह जल्दी नहीं होता या फिर मनचाहा वर नहीं मिल पाता।

७. जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनकी शादी होने में कई प्रकार की समस्याएं आती है।
उपरोक्त में से एक न एक बाधा पितृ दोष के कारण बनी रहती हैं।

पितृ दोष का कैसे निवारण करें?

Pitra Dosh ke Upaay१. अगर श्राद्ध करने वाले की साधारण आय हो तो वह पितरों के श्राद्ध में केवल एक ब्राह्मण को भोजन कराए या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, शक्कर, सब्जी और दक्षिणा दान करें। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता हैं।

२. अगर कोई व्यक्ति गरीब हो और चाहने पर भी धन की कमी से पितरों का श्राद्ध करने में समर्थ न हो पाए तो वह किसी पवित्र नदी के जल में काले तिल डालकर तर्पण करे। इससे भी पितृ दोष में कमी आती हैं।

३. विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने मात्र से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।

४. अगर कोई व्यक्ति ऊपर बताए गए उपायों को करने में भी किसी कारणवश परेशानियां महसूस करे तो वह पितरों को याद कर गाय को चारा खिला दे। इससे भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।

५. इतना भी संभव न हो तो सूर्यदेव को हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि में श्राद्ध के लिए जरूरी धन और साधन न होने से पितरों का श्राद्ध करने में असमर्थ हूँ। इसलिए आप मेरे पितरों तक मेरा भावनाओं और प्रेम से भरा प्रणाम पहुंचाएं और उन्हें तृप्त करें।

 

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