धनतेरस पर धन की प्राप्ति हेतू १३ अचूक उपाय!
पौराणिक कथा में धनतेरस के महत्व का उल्लेख हैं। इस कथा के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थें। जिसके बाद उन्होंने अमृत के द्वारा सारे देवतागणों को अमृतपान करा के सदा-सदा के लिए अमरत्व प्रदान किया था। इसी क्रम में आज के दौर में लोग अपने घरों में धनतेरस के दिन आयु और स्वास्थ्य की कामना हेतू धन्वंतरि देव की पूजन-अर्चन करते हैं। इसके साथ ही साथ मृत्यु के देवता यमराज का भी लोग पूजन किया करते हैं।
१३ अचूक उपाय कर पाऐं अपार धन की प्राप्ति-
१.धनतेरस को धन्वंतरि देव की अवश्य पूजा करें।
२.इस दिन नवीन झाड़ू एवं सूपड़ा की खरीदारी करके उसकी पूजन करें।
३.अपने घर और दुकान पर संध्या बेला में दीपक प्रज्वलित करें।
४.इसके साथ मंदिर, पूजन स्थल, नदी के तट पर, दीपक लगाएं।
५.इस दिन चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन की खरीदारी अवश्य करें।
६.हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरे।
७.कार्तिक मास में अगर पवित्र नदी में स्नान करके लगातार तीन दिनों तक घाट, गौशाला, कुआं और मंदिर स्थल पर दीपक को जरूर लगाएं।
८.इस दिन कुबेर की पूजन करने से पूर्व शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में नई गद्दी को बिछाएं अथवा पुरानी गद्दी को भी साफ करके पुन: स्थापित करने के बाद नवीन वस्त्र को बिछाएं।
९.संध्या बेला होने पर अपने पैसा रखने के स्थान पर तेरह दीपक को लगाएं एवं कुबेर जी का पूजन करें।
१०.पूजन संबंधित किताबों की दुकानों पर से कुबेर की पूजन की पुस्तिका को खरीद कर घर ले आयें। जिसके बाद विधि-विधान पूर्वक कुबेर जी की पूजा करें।
११.यमराज के पूजन हेतू उनके समझ दीपदान करें।
१२.तेरस के दिन संध्या बेला में किसी भी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक जरूर लगाएं।
१३.इन सभी प्रक्रिया के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने हाथों में गंध, पुष्प और अक्षत लेकर यमराज से प्रार्थना करें कि जिसके लिए निम्न मंत्रों का उच्चारण करें।
‘‘मृत्युना दंडपाशाभ्याम् कालेन श्यामया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यज: प्रयतां मम।।’’
इस मंत्र के उच्चारण करने के बाद अपने घरों को दीपों से प्रकाशित करें।