धनतेरस पर कैसे करें पूजा? एवं जानें इस दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त!
हिन्दू पंचांग के अनुसार, दिवाली के दो दिन पूर्व का दिन ही धनतेरस के रूप में मनाया जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन सागर मंथन से धन्वंतरि देव हाथ में अमृत लेकर सबके समझ प्रकट हुए थें। जिनके वजह से सारे देवता अमर हो सके। इस लिए इन्हें औषधियों का जनक भी माना जाता हैं। अत: इस दिन इनके जन्म के रूप में भी मनाया जाता है। इस धनतेरस का शाब्दिक अर्थ- धन का अर्थ समृद्धि है तो वहीं तेरस का अर्थ तेरहवां दिन माना जाता हैं। इस दिन धन को तेरह गुणा करने और उसमें वृद्धि करने का पर्व मनाया जाता हैं। घर में सभी आरोग्य रहें एवं सुख-समृद्धि का सदा वास हो इसके लिए लोग दिवाली के दो दिन पूर्व धनतेरस को धन्वंतरि की पूजन-अर्चन करते हैं। इसके साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा करने का विधान हैं। इस दिन मृत्यु का भय मन से सदा-सदा के लिए पूर्णत: समाप्त करने हेतू यमराज की भी पूजा की जाती हैं। इसके पिछे एक कथा भी प्रचलित है जिसमें यमराज ने अपने दूतो से पूछे की जब आप लोग मृत्यु लोक जाकर किसी की आत्मा को उसके शरीर से पृथक करते है तो आप लोगों को कभी भी किसी भी प्रकार से दु:ख तो नहीं होता हैं। तब दूतो ने बताया कि एक बार उनके साथ यह स्थति आई थी। जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु उसके शादी के चार दिन बाद ही हो गई थी। जिस पर उसकी पत्नी की विलाप सून कर हम स्वयं रो पड़ें। जिस पर एक दूत ने यमराज से पूछा की क्या कोई ऐसा सरल उपाय है। जिसको करने मात्र से पृथ्वी वासी अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जायेगें।
इस प्रश्न पर यमराज ने दूतों से कहा कि इसके लिए पृथ्वी वासियों को केवल धनतेरस के दिन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके मेरा ध्यान करते हुए अपने द्वार पर दीपक लगाना चाहिए। ऐसा करने से मैं प्रसन्न होता हूँ और फलस्वरूप अकाल मृत्यु का भय भी मन से समाप्त कर देता हूँ।
धनतेरस पूजा करने का दिन एवं विधान-
हिन्दू पंचांग के अनुसार, धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यानि दिवाली के दो दिन पूर्व मनाया जाता है। इस दिन कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है।
धनतेरस के दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त-
इस दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सुबह के ७:१९ बजे से ८:१७ बजे तक का है। इसके साथ कुछ विशेष समान की खरीदारी करने का विशेष मुहूर्त इस प्रकार है-
अमृत समय- सुबह के ७:३३ बजे दवा और खाद्यान्न के लिए उत्तम।
शुभ समय- सुबह के ९:१३ बजे मशीन, कपड़ा, शेयर और घरेलू सामान के लिए उत्तम।
लाभ समय- दोपहर के ३:५१ बजे कमाने हेतू मशीन, औजार, कंप्यूटर और शेयर के लिए उत्तम।
चर समय- वाहन, गतिमान वस्तु और गैजेट इत्यादि के लिए उत्तम।
धनतेरस पूजन विधि-
सर्वप्रथम अपने घर के पूजन स्थान पर एक मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि देव की फोटो को स्थापित करें। इसके बाद चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें। फिर भगवान श्री गणेश जी का ध्यान कर, उनकी पूजन करें। इसके बाद हाथों में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करते हुए निम्न मंत्रों का जाप करें-
मंत्र-
देवान कृशान सुरसंघनि पीड़ितांगान, दृष्टवा दयालुर मृतं विपरीतु काम:
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा न:
ॐ धन्वन्तरि देवाय नम: ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…
इस प्रकार मंत्रों के उच्चारण कर पूजन का समापन करें।