शिव की किस प्रतिमा की पूजा से मिलते है कौन सा फल ?
श्रीलिंग महापुराण में बताया गया हैं भगवान शिव की विभिन्न प्रतिमा के पूजा के बारे में एवं उनके फल:-
1.अच्छी स्वास्थ्य पाने के लिए हमें मध्य भाग में स्थित भगवान शिव एक पैर, चार हाथ और तीन नेत्रों वाले और हाथ में त्रिशूल लिए हुए हों। जिनके उत्तर दिशा की ओर भगवान विष्णु और दक्षिण दिशा कि ओर भगवान ब्रह्मा की मूर्ति हों। शुभ फल की प्राप्ति होती हैं।
2.अगर संतान प्राप्ति की इच्छा हो तो भगवान शिव और माता पार्वती की बैल पर बैठी हुई मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
3.अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हेतू भगवान शिव-पार्वती संग पुत्र कार्तिकेय की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए।
4.विद्या एवं ज्ञान पाने की इच्छा हेतू भगवान शिव की उपदेश देने वाली स्थिति में बैठी प्रतिमा की पूजन करनी चाहिए।
5.उत्तम पत्नी और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति हेतू भगवान शिव की अर्द्धनारीश्वर मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
6.मान-सम्मान की प्राप्ति हेतू नन्दी और माता पार्वती के साथ सभी गणों से घिरे हुए भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
7.शत्रुओं का भय समाप्त करने हेतू दैत्य जलंधर का विनाश करते हुए, सुदर्शन चक्र धारण किए भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करना चाहिए।
8.घर-परिवार के झगड़े खत्म करने हेतू और घर में सुख-शांति का वातावरण बनाने हेतू जटा में गंगा और सिर पर चंद्रमा को धारण किए हुए, बाएं और गोद में माता पार्वती को बैठाए हुए और पुत्र कार्तिकेय और गणेश के साथ स्थित भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।