आज जानें तुला राशि के स्त्री, पुरूष और बच्चों के स्वभाव के बारें में!
राशि चक्र के सातवें स्थान पर आती है तुला राशि जिसका चिन्ह तराजू है तथा राशि का स्वामी शुक्र हैं। ये प्राकृतिक रूप से उम्दा अदाकार होते हैं। राशि कैलेंडर में इस चिह्न पर पहुंच कर यह ध्यान देने योग्य बात है, कि पिछली छह राशियां दुनिया के साथ व्यक्तिगत संपर्क पर ध्यान केंद्रित करती हैं जबकि दूसरी ओर, पहली छल राशियां खुद पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
बता दें कि तुला में जन्में जातक के लिए यह अक्सर देखा जाता है कि ये अकेले रहने से नफरत करते हैं। ये बातचीत शुरू करने और समाजिककरण पसंद करते हैं। और खुद को लोगों से घिरा हुआ रखते हैं, और तेजी से दूसरों से संबंध कैसे विकसित करे इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये ज्यादा खुशमिजाज तथा सुंदर होते हैं।
स्त्री:-
तुला राशि वाली महिलायें खूबसूरती के मामले में बड़ी किस्मत वाली होती हैं इनकी छवि इतनी मोहक होती है की कोई भी इनकी सुन्दरता देखते ही मोहित हो जाता हैं। इनकी पहचान होती है उनकी खनकती हंसी और खुशमिजाज स्वभाव, इनकी रूचि बुद्धि वाले काम को करने में ज्यादा होती है। ये अपने आप को तथा अपने घर को सजाने-सवारने पर विशेष ध्यान देते हैं साथ ही इनकी रूचि गायन, कला और गृह कार्य में ज्यादा होती हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता हैं।
पुरूष:-
इस राशि के पुरूष चमकीली आंखों एवं सुन्दर व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं परन्तु सम स्वभाव वाले होते हैं। ये कलाप्रेमी, मिलनसार एवं सौंदर्य के उपासक होते हैं इनका झुकाव सुन्दरता के प्रति जरूरत से ज्यादा होता है। इनका स्वभाव समतोल होता हैं। किसी भी परिस्थिति में सहसा विचलित नहीं होते, दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होते है। ये व्यक्ति कलाकार, सौंदर्योपासक व स्नेहिल होते हैं।
बच्चें:-
तुला राशि के बच्चें सीधे, आज्ञाकारी, संस्कारी और सीधे स्वभाव के होते हैं। इनका रूझान खेल और कला की ओर ज्यादा रहता है साथ ही ये घर में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।