जानें किस अंगुली से किसे करें तिलक?
तिलक शब्द से हम सभी भलीभांती परिचीत हैं। सनातन धर्म की पूजा-पद्धति में तिलक का विशेष और महत्वपूर्ण स्थान हैं। हम जब भी अकेले या फिर अपने सगे-संंबंधियों के साथ मंदिर जाते है तो वापिस आते समय माथे पर तिलक लगाना कभी भी नहीं भूलते हैं। क्योंकि माना जाता हैं किे बिना तिलक धारण किए कोई पूजा सफल नहीं मानी जाती हैं। हमारें धर्म में ब्राह्मणों का विशेष स्थान हैं। उनके लिए तो तिलक धारण करना अनिवार्य हैं। कहा जाता है कि अगर किसी दिन किसी ब्राह्मण का मस्तक बिना तिलक धारण किए हुए देख लें तो आपका दिन अमंगल जाता हैं। और वहीं तिलक धारण किए हुए स्थिती में देखते है तो समझ लेना चाहिए कि आप जिस कार्य पूर्ती हेतू जा रहें हैं। उस कार्य का बनना निश्चित हैं।
बता दें किे शास्त्रों में तिलक धारण के करने के कुछ नियम बताए गए हैं। और इसी क्रम में आज हम आपकों बताऐंगे की हाथ की कौन सी अंगुली से किसको तिलक लगाना शास्त्रों अनुसार उचित माना गया हैं। चलिए जानतें हैं-
१.तर्जनी अंगुली- दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली से पितृगणों को अर्थात् पिण्ड को तिलक किया जाता हैं।
२.मध्यमा अंगुली- दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली से स्वयं तिलक धारण किया जाता हैं।
३.अनामिका- दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से भगवान व देवों को तिलक किया जाता हैं।
४.अंगुष्ठ- दाहिने हाथ के अंगूठे से अतिथि को तिलक किया जाता हैं।