देवगुरू बृहस्पति को प्रसन्न कर बनाऐं अपने सारे बिगड़े काम!
गुरूवार सप्ताह का पांचवा दिन हैं। इसे बृहस्पतिवार, वीरवार या बीफे भी कहा जाता हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। यह दिन देवगुरू बृहस्पति को समर्पित है। भारतीय सभ्यता के अनुसार हर दिन का अलग महत्व है। खासतौर से गुरूवार को तो धर्म का दिन मानते हैं। गुरू को लेकर एक और भी मान्यता है कि यह दूसरे ग्रहों के मुकाबले ज्यादा भारी हैं। इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिये। साबुन और तेल का प्रयोग करना वर्जित हैं। धन और विद्या की हानि होती हैं। देवगुरू बृहस्पति की कृपा से धन-समृद्धि, पुत्र और शिक्षा की प्राप्ति होती है। पीला रंग और पीली वस्तुएं इनको बहुत प्रिय हैं। इस दिन हमें पीले वस्त्र पहनना, पीली वस्तुओं का दान करना और घर पर पीले पकवान बनाना चाहिऐं। इससे देवगुरू बृहस्पति प्रसन्न होते हैं।
इस दिन हमें देवगुरू बृहस्पति को प्रसन्न करने हेतू इनका व्रत करना चाहिए। और पूरे दिन पीले वस्त्र पहनकर, केले के वृक्ष को पीले रंग की वस्तुएं अर्पित करके पूजन शुरू करें। उसके उपरांत कथा सुन कर आरती करें। इसके साथ अगर आप के विवाह में किसी प्रकार से आ रही रूकावटों को दूर करने हेतू इस दिन का व्रत और देवगुरू बृहस्पति के सामने देशी घी का दीपक को जलाएें। माथे पर हल्दी का तिलक लगाएें। इसके बाद पीले पुष्पों को अर्पण करके चावल, चंदन, मिष्ठान ये तीनों वस्तुएं पीले होने चाहिए। इसके साथ गुड़, मक्के का आटा, चना दाल आदि का भोग लगाना चाहिए। तत्पश्चात् हल्दी गांठ की माला से ‘‘ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नम:’’ निम्न मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं।
बता दें कि अनिद्रा की परेशानी से आप ग्रसित है तो इस दिन से लगातार ११ बृहस्पतिवार तक केवांच की जड़ का लेप अपने माथे पर लगा कर सोएं। वहीं अगर कुवांरी कन्या शुक्ल पक्ष से ११ बृहस्पतिवार तक स्नान के समय पानी में थोड़ा सा हल्दी मिलाकर स्नानादि करें तो उसका विवाह जल्द हो सकता हैं। और अगर शादी-सुदा महिला इस दिन अपने शरीर पर हल्दी वाला उबटन लगायेंगी तो उनका दाम्पत्य जीवन में और मधूरता आयेगी। कहा जाता हैं कि दान से बड़ा कोई पून्य नहीं है। और ऐेसे अगर हम बृहस्पतिवार के दिन गाय का घी, शहद, हल्दी, पीले कपड़े, किताबें, केले का दान करें और गरीब कन्याओं को भोजन करवाऐं और अपने बड़ों एवं गुरूओं की सेवा करें तो देवगुरू बृहस्पति बहुत प्रसन्न होते हैं।
कुण्डली में अगर देवगुरू बृहस्पति अशुभ प्रभाव दें रहें हैं तो इनके अशुभ प्रभाव को कम करने हेतू और सभी कष्टों से मुक्ति पाने हेतू इस दिन चमेली के फूल, गूलर, दमयंती, मुलहठी और पानी में शहद डालकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करना से देवगुरू बृहस्पति अपना अशुभ प्रभाव देना समाप्त कर शुभ फल देना शुरू कर देतें हैं। और आपके सारे बिगड़े कार्य बनने लगते हैं।