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यदि आपकी जन्म कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में स्थित है, तो इसे मंगल दोष कहा जाता है।
सकरात्मक प्रभाव
जिन लोगों के पहले भाव यानी लग्न भाव में मंगल होता है, तो ऐसे लोग साहसी और पराक्रमी होते हैं। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी ऐसे लोग विजयी होते हैं।
नकारात्मक प्रभाव
यदि दोनों भागीदारों की कुंडली में मंगल दोष है, तो यह उनके वैवाहिक जीवन में विरोध और तनाव का कारण बन सकता है। इस दोष के कारण जातक के विवाह में विलम्ब भी हो सकता है।
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