सनातन धर्म में मंत्र जाप का बहुत महत्व माना गया है। युगों पहले भी हमारे ऋषि-मुनि सदैव मंत्र जाप करते थे। आज के समय में भले ही आधुनिकता में किसी के पास इतना समय न हो कि वह मंत्र जाप आदि के लिए समय निकाल सकें लेकिन आज भी मंत्रों की शक्ति उतना ही महत्व रखती है। हमारे ग्रंथो में ऐसे मंत्र बताए गए हैं जिनका जाप करने से जीवन की नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता लाई जा सकती है और सभी मनुष्य सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। हमारे ग्रंथों में कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनका यदि नियमिततौर पर जाप किया जाए तो गंभीर रोगों से भी राहत पाई जा सकती है लेकिन इसके साथ ही अपनी दवाई आदि भी समय पर लेते रहना आवश्यक है।
अच्छी सेहत की प्राप्ति के लिए दुर्गासप्तशती में बताए गए मंत्र का नियमित रूप से जाप करना चाहिए। इसके लिए प्रातःकाल उठकर स्नानादि करें और फिर एक ऊनी आसन बिछाकर मां दुर्गा के समक्ष इस मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करें।
देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं।
रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।
जाप पूर्ण हो जाने के बाद मां से अच्छे स्वास्थय की प्रार्थना करें।
सनातन धर्म में मंत्र जाप का बहुत महत्व माना गया है। युगों पहले भी हमारे ऋषि-मुनि सदैव मंत्र जाप करते थे। आज के समय में भले ही आधुनिकता में किसी के पास इतना समय न हो कि वह मंत्र जाप आदि के लिए समय निकाल सकें लेकिन आज भी मंत्रों की शक्ति उतना ही महत्व रखती है। हमारे ग्रंथो में ऐसे मंत्र बताए गए हैं जिनका जाप करने से जीवन की नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता लाई जा सकती है और सभी मनुष्य सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। हमारे ग्रंथों में कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनका यदि नियमिततौर पर जाप किया जाए तो गंभीर रोगों से भी राहत पाई जा सकती है लेकिन इसके साथ ही अपनी दवाई आदि भी समय पर लेते रहना आवश्यक है।विज्ञापन
यदि किसी को हृदय रोग की समस्या है तो ऋगवेद में बताए गए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल मंत्र जाप किया जाए इसके साथ अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें और दवाइयां भी लेते रहें। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप बहुत लाभप्रद रहता है।
क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्।
हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं’ का जप करें।
इस मंत्र का जाप सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात सूर्य के समक्ष करें।
ज्योतिष के अनुसार आरोग्यता प्राप्त करने के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद रहता है।
‘क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क’
इस मंत्र का जाप ऊन के आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना है। सबसे पहले भगवान शिव के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें और फिर रूद्राक्ष की माला से कम से कम एक माला जप करें। इस मंत्र के प्रभाव से हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि कोई जातक गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो तो उसके लिए गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद रहता है। खासतौर पर गायत्री मंत्र का जाप मानसिक शांति पहुंचाता है। गायत्री मंत्र को श्रेष्ठ माना गया है।
।ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।
रोग से मुक्ति के लिए प्रतिदिन गायत्री मंत्र का कम से कम पांच माला जाप करना चाहिए और अधिक से अधिक आठ माला जाप किया जा सकता है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप यदि नियम और निष्ठा के साथ किया जाए तो यह गंभीर रोगों से भी राहत दिला सकता है।