मानव जीवन पर वनस्पतियों का उपकार
वनस्पतियों में अद्भुद गुण होते है, उनकी शक्ति उनका प्रभाव अद्भुद और असंद्ग्धि है। यहां आपको ऐसी ही उपयोगी जड़ीबुटीयों और पौधों की जानकारी दे रहे है।
हत्थाजोड़ी-
हत्थाजोड़ी वनस्पति के रूप में एक जड़ है मानव कंकाल की प्रकति से साम्य रखने वाली हत्थाजोड़ी तन्त्र शास्त्र की अद्भुद वस्तु है। शालिम मिश्री – जैसी चिकनी और उसी रंग की होती है किसी रवि पुष्प योग में हत्थाजोड़ी को पंचा मृत में स्नान करा के लाल आसन पर स्थापित करे, फिर उसे सिन्दूर भरी डिब्बी में रख ले इसके रखने से गले और वाणी के दोष और रोग नही होते है व्यक्तिव को प्रभावी बनाती है परिवार में प्रेत बाधा या भय की स्थिति बनी नही रहती है। वहीं आत्म विश्वास में वृद्धि होती है।
वान्दा-
वान्दा, वंदा अथवा बंदाल नाम की परोपजीवी वनस्पति प्रायः आम, पीपल, महुआ, जामुन आदि के पेड़ो पर देखी जाती है इसके पतले, लाल गुच्छे दार फूल और मोटे कड़े पत्ते पीपल के पत्ते के बराबर होते है
भरणी नछत्र में कुश का वान्दा लाकर पूजा के स्थान पर रखने से आर्थिक परेशानियां दूर होती है।
पुष्प नछत्र में इमली का वान्दा लाकर दाहिने हाथ में बाधने से कंपन के रोग से आराम मिलता है।
मघा नछत्र में हरसिंगार का वांदा लाकर घर में रखने से धन धान्य एवं सम्पन्नता में वृद्धि होती है।
विशाखा नछत्र में महुआ का वांदा लाकर गले में धारण करने से भय समाप्त हो जाता है। डरावने सपने नही आते है, शक्ति(पुरूषत्व) में वृद्धि होती है।
लटजीरा-
देहातों में जंगल तथा घरो के आसपास बरसात में एक पौधा उगता है यह लाल एवं स्वेत किसी भी रंग का हो सकता है।
लाल लटजीरा की टहनी से दातून करने पर दांत के रोग से मुक्ति मिलती तथा सम्मोहन की शक्ति में वृद्धि होती है।
लटजीरा की जड़ को जलाकर भस्म बना ले उसे दूध के साथ पीने से संतानोत्पत्ति की छमता आ जाती है।
सफेद लटजीरा की जड़ रवि पुष्य नछत्र में लाने के बाद उसे अपने पास रख ले जिससे नर्वसनेस समाप्त होगी व आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
लक्ष्मणा बूटी-
देहात में इसे गूमा कहते है चिकित्सा वर्ग इसे लक्ष्मण का पौधा के नाम से जाना जाता है। वहीं तांत्रिक इसे प्रयोग में इस्तेमाल करते है। संतानहीन स्त्री श्वेत लक्ष्मण बूटी की 21 गोली बना ले इसे गाय के दूध के साथ लगातार प्रायः एक गोली 21 दिन तक खायें, तो उन्हें सन्तान का लाभ होता है। श्वेत लक्ष्मणा की जड़ को घिसकर तिलक नियमित रूप से लगाये तो नर्वसनेस समाप्त होगी वहीं आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
मदार-
मदार मंदार, अर्क अथवा आक के नाम से प्रायः सभी इस पौधे से परिचित है इसके पुष्प शिवजी को अर्पित किये जाते है।
लाल एवं स्वेत पुष्प के मदार के पेड़ होते है स्वेत पुष्प वाले मदार का तांत्रिक प्रयोग होता है।
रवि पुष्य के दिन मदार की जड़ खोद लाये उस पर गणेश जी की मूर्ति बनाये वह मूर्ति सिद्ध होगी परिवार के अनेक संकट मात्र मूर्ति रखने से ही दूर हो जायेगे यदि गणेश की साधना करनी है, तो उसके लिए सर्वश्रेष्ठ वह मूर्ति होगी।
रवि पुष्य में उसकी जड़ को बंध्या स्त्री भी कमर में बांधे तो सन्तान होगी।
रवि पुष्य नछत्र में लायी गयी जड़ को दाहिने हाथ में धारण करने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।