हिंदू मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति पर त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु, महेश की कृपा बनी रहती है. 1 से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं, जिसका अपना-अपना अलग महत्व है. असल में रुद्राक्ष एक सूखा फल है, जो पेड़ पर उगता है. इसकी उत्पत्ति को लेकर भी पौराणिक कथा प्रचलित है. ने बताया कि हमारे सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही महत्वपूर्ण एवं पवित्र माना गया है. हमने कई लोगों को रुद्राक्ष की माला भी धारण करते हुए देखा होगा. रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह के लाभ देखने को मिलते है. रुद्राक्ष का पूर्ण रूप से लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ नियमों को ध्यान में रखना जरूरी होता है. अगर इन नियमों को ध्यान नहीं दिया, तो इसके विपरीत परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं.
रुद्राक्ष धारण करने के लिए ये दिन अति शुभ
जिस भी व्यक्ति को अगर रुद्राक्ष धारण करना है तो वह अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार एवं शिवरात्रि के दिन कर सकता है. आप रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे दूध एवं सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ कर लीजिए. साथ ही रुद्राक्ष धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें. या फिर आप किसी ज्योतिषाचार्य या किसी ब्राह्मण द्वारा रुद्राक्ष को धारण करें.
रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम
अगर आप भी रुद्राक्ष धारण करते हैं तो आपको हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. अगर इन बातों का ध्यान रखते हैं, तब ही आपको रुद्राक्ष धारण करने का फल प्राप्त होगा. रात में सोने से पहले रुद्राक्ष को निकाल दीजिए. इस बात का भी ध्यान देना होगा कि रुद्राक्ष धारण करके कभी भी शमशान घाट या किसी मृत्यु वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए. अगर आपको जाना पड़े तो सबसे पहले रुद्राक्ष को निकल कर रख दें. आप इस बात का विशेष ध्यान दें कि कभी भी रुद्राक्ष धारण करके मांस-मदिरा का सेवन न करें. अगर आप ऐसा करते है तो आपको विपरीत परिणाम मिल सकते हैं.
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