ग्रह भी देखते हैं, जानें ग्रहों की दृृष्टि और आपके जीवन पर प्रभा

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  • मंगल सातवें भाव के साथ चतुर्थ और अष्टम भाव को भी पूर्ण दृष्टि से देखता है।
  • बृहस्पति सातवें भाव के साथ पंचम और नवम भाव को भी पूर्ण दृष्टि से देखता है।
  • शनि सातवें भाव के साथ तीसरे और दसवें भाव को भी पूर्ण दृष्टि से देखता है।

जिसके उत्तर में विद्वान ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मंगल ग्रह को सेनापति माना गया है, सेनापति अपनी स्त्री यानि सप्तम भाव के अतिरिक्त चतुर्थ सुख भाव व अष्टम जीवनरक्षा भाव के लिए जिम्मेदारी अथवा उत्तरदायित्व रखता है। इसलिए मंगल ग्रह की सप्तम भाव के साथ-साथ चौथे और आठवें भाव पर भी पूर्ण दृष्टि रहती है। इसी तरह देवगुरू बृहस्पति पंचम विद्या भाव व नवम धर्म भाव पर एवं शनि सेवक होने के कारण तीसरा पराक्रम व दशम राज्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए सप्तम भाव के अतिरिक्त बृहस्पति की पंचम, नवम और शनि की तीन, दस भावों पर पूर्ण दृष्टि रहती है।

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