चौरासी महादेवों की शृंखला में अठारहवें क्रम पर श्री कलकलेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन अभिषेक करने से पति-पत्नी का कलह व मनमुटाव समाप्त होता है।
उज्जैन. चौरासी महादेवों की शृंखला में अठारहवें क्रम पर श्री कलकलेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन अभिषेक करने से पति-पत्नी का कलह व मनमुटाव समाप्त होता है। श्रावण मास में पत्रिका डॉट कॉम के जरिए आप चौरासी महादेव की यात्रा का लाभ ले रहे हैं।
तब क्या आपने मेरा रूप नहीं देखा था?
एक बार माता पार्वती मंडप में मातृकाओं के साथ बैठी थीं। तब भगवान शंकर ने कहा हे महाकाली! तुम मेरे पास आकर बैठो। मेरे गौर शरीर के पास बैठने से तुम्हारी शोभा बिजली की तरह होगी, क्योंकि मैंने सफेद रंग के सर्पों का वस्त्र पहना है और श्वेत चंदन लगाया है। तुम रात्रि के समान (काली) हो, अगर मेरे पास बैठोगी तो मुझे नजर नहीं लगेगी। इस पर माता रुष्ट हो गई। उन्होंने कहा आपने जब नारदजी को मेरे पिता के पास मुझसे विवाह करने भेजा था, तब क्या आपने मेरा रूप नहीं देखा था?
देवमष्टादशं विद्धि ख्यातं कलकलेश्वरम।
यस्य दर्शन मात्रेण कल्हौनैव जायते।।
(स्कंदपुराण अष्टादशोअध्याय:, प्रथम श्लोक)
शिव और पार्वती में कलह हो गई
इस तरह शिव और पार्वती में कलह हो गई, जिसने उग्र रूप धारण कर लिया। कलह बढऩे से तीनों लोकों में प्राकृतिक विपत्तियां होने लगीं। पंचतत्व, अग्नि, वायु, आकाश व पृथ्वी में असंतुलन होने लगा तथा चारों ओर भारी हाहाकार मच गया। परिणामस्वरूप देव, गंधर्व, यक्ष, राक्षस सभी भय को प्राप्त हुआ। इसी कोलाहल से पृथ्वी भेद कर एक दिव्य लिंग प्रकट हुआ, जिसमें से वाणी प्रसारित हुई “इस लिंग का पूजन करें, इससे कलेश, कलह दूर होगा”। तब देवताओं ने इस लिंग का पूजन किया, जिसके फलस्वरूप माता पार्वती का क्रोध शांत हुआ एवं तीनों लोकों में पुन: शांति स्थापित हुई। तब सभी देवों ने उनका नाम कलकलेश्वर महादेव रखा।
श्रावण मास एवं चतुर्दशी के दिन दर्शन का विशेष महत्व
श्री कलकलेश्वर महादेव के दर्शनों से गृह कलह, क्लेश आदि नहीं होता है। गृह शांति बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से व्याधि, सर्प, अग्नि जैसे भय दूर हो जाते हैं। यहां दर्शन बारह मास में कभी भी किए जा सकते हैं, लेकिन श्रावण मास एवं चतुर्दशी के दिन दर्शन का विशेष महत्व माना गया है।
कहां स्थित है?
उज्जयिनी स्थित चौरासी महादेव में से एक श्री कलकलेश्वर महादेव का मंदिर गोपाल मंदिर के पास मोदी की गली में और अग्रवाल धर्मशाला के सामने स्थित है।