भारत जो अपने गर्भ में आज भी कई रहस्यों को संजोया हुआ हैं। जिसको जितना भी जानने की प्रयत्न किया जाये, कम हैं। भारत में इन रहस्यों का हमेशा से जिज्ञासा का विषय बना हुआ हैं। और ऐसे में अगर किसी शहर का नाम सुनने और समझने में असमर्थता लगें। तो मन में इन बातों को जानने की ललक सी बड़ जाती हैं। आज हम आपकों कुछ ऐसे शहरों के नाम गिनवाएगें। जो कि आज तक युगो-युगो से अपने पौराणिक नामों के साथ विकसीत हो रहें हैं। युग बदल गयें, गाँव शहर का रूप ले चुका हैं। फिर भी आदि काल से जो नाम इन शहरों के चल रहें है वो आज भी बदस्तुर चलता आ रहा है। बता दें कि इन शहरों में कुछ नाम देवी-देवताओं के नाम से है तो कुछ नाम पौराणिक ग्रंथों में वर्णित राक्षसों के नाम पर हैं। वह नाम इस प्रकार हैं।
1.बिहार के गया- इस स्थान को यह नाम एक राक्षस गयासुर के कारण मिला था। जिसकों भगवान विष्णु का वरदान है कि इस जगह जो भी व्यक्ति अपने मृतजनों का पिण्डदान और श्राद्ध करेगा। उसे पुण्य और पिण्डदान प्राप्त करने वाले को मुक्ति के साथ विष्णुलोक में स्थान मिल जाएगी।
2.मैसूर- इस शहर का नाम पौराणिक ग्रंथों के अनुसार महिषासुर के नाम पर रखा गया था। यह वही महिषासुर है जिसे माँ चंडी ने वध किया था।
3.तंजापुर या तंजौर- बृहदेश्वर मंन्दिर के लिए प्रसिद्ध यह तंजावुर नाम हिन्दू पौराणिक कथाओं के दानव तंजान के नाम पर हैं।
4.पंजाब का जलंधर शहर- इस शहर का नाम पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन में माँ लक्ष्मी के साथ प्रकट हुए जालंधर के नाम पर रखा गया हैं
5.चंडीगढ़- इसका शाब्दिक अर्थ है देवी चंडी का किला। इस शहर का नाम माँ के योद्धा स्वरूप चंडी देवी पर रखा गया।
6.मुम्बई- इस शहर का नाम इस शहर में स्थापित प्रसिद्ध मुंबा देवी मंदिर के नाम पर रखा गया हैं।
7.शिमला- हिमाचल की राजधानी शिमला का नाम कालिका देवी के अवतार श्यामला देवी के नाम पर हैं। जब ब्रिटिश काल आया तब उसके शासक ने इसके नाम में बदलाव करते हुए शिमला नाम रखा दिया।
8.हरिद्वार- इसके नाम से हरि के होने का अभास होता हैं। हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ है हरि का द्वार। मतलब हरि तक पहुंचने का दरवाजा जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने पापों को नष्ट करते हुए भगवान तक पहुंचता हैं।
9.जबलपुर- रामायण युग के जाबालि ऋषि के नाम पर इस शहर का नाम जबलपुर रखा गया। जबल का दुसरा नाम पर्वत भी माना जाता हैं।
10.मनाली- इस शहर का नाम मनु स्मृति के लेखक ऋषि मनु के नाम से लिया गया है।
11.तिरूवनन्तपुरम- इस शहर में स्थापित पधनाभस्वामी मंदिर के मुख्य देवता अनंत भगवान के नाम से लिया गया है।
12.इंदौर- यह नाम इंद्रेश्वर मंदिर के नाम से लिया गया था। उस समय इसका नाम इंदूर था। ब्रिटिश काल के आने के बाद इसका नाम इंदौर रख दिया गया।
13.मंगलौर- इस शहर में स्थापित मंगलादेवी मंदिर के देवी मंगला से लिया गया है।
14.कानपुर- इस शहर का प्राचीन नाम कान्हपुर था। मान्यता के अनुसार महाभारत के सूर्य पूत्र कर्ण के नाम से इस शहर का नाम रखा गया था।
Aaj bhi Jivit hai Bharat ke In Shaharo me Devi-Devtaao aur Rakshaso ke Naam, Jaaniye kaha hai Ese Shahar?
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