भगवान शिव ने बताया था माता पार्वती को मृत्यु के १२ संकेत
हमारें जहन में मौत के बारे में आते ही हम सहम से जाते है। एक अजीब सा भय हमारें मन में घर बना लेती है। वैसे तो हम सभी इस सत्य को भलीभांती जानते है। कि एक ना एक दिन इस सत्य से सभी का सामना होना ही है। जो इस मृत्यु लोक में जन्म लिये हर एक को एक ना एक दिन तो मरना ही होगा। और जो भी हमारें द्वारा किया गया पाप व पुन्य हुआ है। वही हमारें साथ जायेगा। फिर भी हम इस सत्य से अनदेखा करते हुए अधर्म के राह पर चलना नहीं छोड़ते है। अगर हम मृत्यु को सनमुख रख कर कोई कार्य करें तो हम से कभी भी कोई भूल या पाप नही होगा।
शिव पुराण के अनुसार एक दिन माता पार्वती ने भगवान शिव की चरण वदना करने के पश्चात् कुछ व्याकूल दिखी तो भगवान शिव ने माता पार्वती से इस व्याकूलता का कारण पूछां। जिसपर माता पार्वती ने भगवान शिव से मृत्यु लोक में जन्में हर एक प्राणी की होने वाली मृत्यु के पूर्व उसे उसकी मृत्यु के बारे में ज्ञान हो जाये। ऐसा कुछ पुराणों में वर्णित है प्रभु। यह सून भोले नाथ ने माता पार्वती को मौत की पूर्व आभास के कुल १२ संकेतों के बारे में विस्तार से बताया।
१. अगर मनुष्य के शरीर का रंग हल्का पीला, सफेद या लाल पड़ने लगे तो ऐसे में उस मनुष्य को समझ लेना चाहिए कि उसकी मृत्यु उसके निकटस्थ है।
२. जब किसी मनुष्य को उसका प्रतिबिंब किसी दर्पण में या किसी जल में उसे दिखने में असमर्थता होने लगे तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसकी मृत्यु तकरीबन छह माह में हो जायेगी।
३. अगर किसी मनुष्य के बाएं हाथ में अजीब सा मरोड़ होने लगे और यह पिड़ा एक हफ्ते से ज्यादा बनी रहें तो ऐसे मनुष्य को समझ लेना चाहिए कि उसकी जीवन मात्र एक माह शेष बची है।
४. अगर शरीर का कोई अंग जैसे की मुंह, जीभ, आंखे, कान और नाक में मुलायम पन खत्म होने लगे तो उस मनुष्य की अगले छह माह के बाद मृत्यु निश्चित होती है।
५. जब आसमान में चंद्रमा, सूर्य या आसमान सिर्फ लाल दिखाई देने लगे तो, ऐसे मनुष्य सिर्फ छह महीने ही जीवीत रह पाते है।
६. शिव पुराण में बताया गया है कि अगर व्यक्ति के जुबान में सूजन आ जाए या फिर उसके दांतों के बिच में पस बनने लगे तो समझना चाहिए कि उसका जीवन मात्र छह महीने शेष बचे है।
७. अगर मनुष्य को आकाश में रात के समय में सप्तर्षि तारे न दिखाई दें तो उस मनुष्य की आयु छह महीने ही शेष समझनी चाहिए।
८. अगर अचानक नीली रंग की मक्खियां आपको घेर ले तो, हमें समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु एक महीनें में हो जायेगी।
९. शिवपुराण के अनुसार जिस मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु छह महीने में हो जाती है।
१०. भगवान भोले नाथ ने माता पार्वती कोे बताया कि अगर किसी मनुष्य के सिर पर कौवा, कबतूर या गिद्ध आकर बैठ जाये तो उसे समझना चाहिए की उसके पास सिर्फ एक महीना मात्र जीवन का बचा हुआ है।
११. त्रिदोष(वात, पित्त व कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता। और यदि किसी व्यक्ति के मुंह और गला बार-बार सूखने लगे तो यह समझ लेना चाहिए कि छह महीनें के दरम्यान उसकी मृत्यु हो जायेगी।
१२. किसी मनुष्य को अकाश में सूर्य, चंद्रमा व अग्नि के प्रकाश को देखने में असमर्थता महसूस होने लगे तो। यह घटना छह महीने में मौत होने की संकेत देती है।