जानिए माँ लक्ष्मी के ६ ऐसे मंदिर, जहां भक्तों की होती है हर मनाकामनाऐ पूरी।
भारत एक भक्ति स्थल एवं धर्म, भक्ति, अध्यात्म और साधना का एक मात्र देश है। हमारें धर्म और हमारें जीवन में देवी लक्ष्मी का विशेष महत्व है। हमारें घर के पूजा स्थल पर माँ लक्ष्मी के प्रतिमा के बिना मंदिर पूर्ण नही माना जाता हैं। पूरे वर्ष में दीपावली के अवसर पर भगवान श्रीगणेश संग माँ लक्ष्मी की प्रतिमा जोर-शोर से बिकती है। यह त्योहार देवी लक्ष्मी को पूर्ण रूप से समर्पित है। दिवाली त्योहार के संग माँ लक्ष्मी के विशेष मंदिर है जहां पूजन-अर्चन करने से माँ लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होकर भक्तो द्वारा मांगी गई उनकी हर एक मनोकामानां पूर्ण कर देती है। इसी क्रम में आज हम आपको माँ लक्ष्मी की ६ ऐसे मंदिर के बारे में बता रहें है। जो आस्था के क्षेत्र में और अपने बहुमूल्य होने के स्थान पर किसी शिखर की चोटी से कम नहीं है।
१.लक्ष्मी नारायण मंदिर-
यह मंदिर तमिलनाडु राज्य के वेल्लूर शहर से ७ किलोमीटर की दूरी थिरूमलाई कोड़ी पर स्थित है। इस मंदिर के निर्माण में लगभग १५ हजार किलोग्राम विशुद्ध सोने का उपयोग हुआ है। इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। इसके बनने में सात वर्षों का समय लगा तथा २४ अगस्त २००७ को यह बनकर लोगों के दर्शन हेतू तैयार हो गया था। यह कुल १०० एकड़ भूमि पर बना हुआ है।
२.महालक्ष्मी मंदिर-
महालक्ष्मी मंदिर मुंबई के समुंद्र किनारे पर स्तिथ है। ऐसा मानना है कि इस मंदिर में स्थापित तीन मूर्तियां महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती को किसी मानव द्वारा निर्मित नहीं किेया गया है। पुर्व समय एक ठेकेदार के सपने में दर्शन देकर माँ लक्ष्मी ने आदेश किया था कि समुद्र की गहराईयों से तीनों मूर्तियां को निकाल कर एक मंदिर का निमार्ण कर उसमें पूरे विधि-विधान पूर्वक तीनों मूर्तियां को स्थापित करें। उनके आदेश पाकर उस ठेकेदार ने ऐसा ही किया। जो मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर के नाम से विश्व-विख्यात है। एवं यहां पर सुबह से ही माँ के दर्शन हेतू भक्तों की लम्बी कतार लगी रहती है।
३.लक्ष्मी नारायण मंदिर-
यह मंदिर दिल्ली में स्थापित है। इसे १९३८ में बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार करवाया था। जिससे इस मंदिर को दिल्ली का बिड़ला मंदिर नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर राजा बलदेव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और महात्मा गांधी द्वारा इसका उदघाटन करवाया गया था। मूल रूप से इस मंदिर को १६२२ में वीर सिंह देव ने बनवाया था और १७९३ में पृथ्वी सिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्वार कराया।
४.अष्टलक्ष्मी मंदिर-
चेन्नई के इलियट समुद्र के पास स्तिथ अष्टलक्ष्मी माँ का ८ रूप– वंश, सफलता, समृद्धि, धन, साहस, वीरता, भोजन और ज्ञान को समर्पित है। यह मंदिर लगभग ६५ फीट लम्बा और ४५ फीट चौड़ा है। मंदिर में देवी लक्ष्मी के ८ स्वरूप ४ मंजिल में बने ८ अलग-अलग कमरों में स्थापित है। भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी मंदिर की दूसरी मंजिल में विराजित है।
५.अष्टलक्ष्मी मंदिर-
यह हैदराबाद के बाहरी इलाके में माँ लक्ष्मी का अष्टलक्ष्मी नामक मंदिर है। यह मंदिर दक्षिण भारत की वास्तु कला के आधार पर बनाया गया है। इस मंदिर को १९९६ में भक्तों के लिए खोला गया था। देवी के ८ अलग-अलग रूपों में विराजित होने की वजह से यह मंदिर अपने आप में खास है।
६.लक्ष्मी नारायण मंदिर-
जयपुर में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर को बिरला परिवार ने निर्माण करवाया था। बिरला परिवार ने देशभर में कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। उन्हीं में से एक जयपुर की माँ लक्ष्मी का यह मंदिर है। इसका निर्माण १९८८ में हुआ था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान लक्ष्मीनारायण की बहुत ही सुन्दर मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर अपने विशाल क्षेत्रफल में बने संगमरमर में एवं दक्षिण शैली में बने बहुत सुन्दर और आकर्षक है।