Kaliyug me yeh baate Sach huyi hai, Jane koun si hai wo Sachhayi?

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कलियुग में यह बाते सच हुई है जाने कौन सी है वो

सच्चाई?

pandavas

यह कथा पाण्डवों के अज्ञातवाश के दौरान हुई घटना से ली गयी है। कथा के अनुसार पाण्डवों का अज्ञातवाश समाप्त होने के कुछ दिन पूर्व ही उनके जंगल में छूपने के लिए स्थान ढूंढने के दरम्यान आकाशमार्ग से शनिदेव जा रहे थे। उन्होंने धरती पर पाण्डवों को इधर-उधर भटकते हुए देख, मन में ऐसा विचार किया कि आज इनकी परीक्षा लिया जाये। जिससे यह मालूम हो कि इन पाचों भाइयों में कौन कितना श्रेष्ठ बुद्धिमान है। यह सोच शनिदेव ने जंगल के उसी स्थान पर कई योजन दुरी तक में एक बहुत अद्भुत एवं रहस्यमयी माया महल का निर्माण किया। उस महल के चार कोने थे, पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण और उस महल का स्वयं दरबान बन खड़े हो गये।

कुछ देर बाद पांचो भाईयों में भीम ने उस माया महल को देख आकर्षित हो गया। जिसके बाद अपने बड़े भाई युधिष्ठिर से आज्ञा ले कर उस महल के समक्ष जा पहुंचे। वहां खड़े दरबान के रूप में शनि से महल में भ्रमण करने की इच्छा जाहिर की। इस पर दरबान ने महल में भ्रमण करने के लिए कुछ नियम होने की बात कही। पहला नियम महल के चार कोने हैं आप एक ही कोना देख सकते हैं। दुसरा नियम की महल में जो देखेंगे उसकी सार सहित व्याख्या करना होगा। तीसरा और आखिरी नियम की शर्त के मुताबिक अगर आप व्याख्या नही कर सके तो आप को कैद कर लिया जायेगा।

भीम उत्वाले स्वभाव होने के कारण बिना सोचे-विचारे सारी शर्तों को मानते हुए महल के पूर्व छोर की ओर अग्रसर हो गये। कुछ देर बाद महल में उन्होंने अद्भुत पशु-पक्षी और फुुलों एवं फलों से लदा वृक्षों को देखा। कुछ दूर और आगे चलने पर भीम ने देखा की तीन कुंए है अगल-बगल में छोटे कुंए और बीच में एक बड़ा कुंआ। उन तीन कुंआ में बीच वाला बड़े कुंए में पानी का उफान आता है और दोनों छोटे खाली कुओं को पानी से भर देता है। फिर कुछ देर बाद दोनों छोटे कुओं में उफान आता है तो उससे बीच वाले बड़े कुंए को दोनों छोटे कुओं से किसी तरह से पानी का कोई सहयोग न होने से बड़े कुंए का पानी का स्तर आधा रह जाता है।
यह क्रिया कई बार होती है और हर बार यह दृश्य देख भीम को कुछ समझ में नहीं आता है। बाहर जाने पर दरबान द्वारा पूछने पर भीम ने बताया कि अन्दर देखे दृश्य को वह समझ नहीं पाया है। इसपर शर्त के मुताबिक दरबान ने भीम को कैदी बना लिया।

कुछ समय बाद अर्जून भी महल देखने और भीम के वापिस न आने का विचार लिए महल के द्वार पर पहुंच जाते है। दरबाने ने भीम के कैदी होने की बात और महल में भ्रमण के लिए तीन शर्तों को अर्जुन को विस्तार से बताया।
शर्तों के मानते हुए अर्जुन ने महल के पश्चिम दिशा की ओर बड़ चले। आगे जाकर अर्जुन ने देखा कि एक खेत में दो फसल उग रही थी एक तरफ बाजरे की फसल तो दूसरी तरफ मक्का की फसल।
बाजरे के पौधे से मक्का निकल रही थी तथा मक्का के पौधे से बाजरी निकल रही थी। अजीब लगा कुछ समझ नहीं आया वापिस महल के बाहर आने पर दरबान ने अन्दर जो भी कुछ आपने देखा विस्तार से उसका सार बताने को पूछा। जिसपर अर्जुन ने भी समझ में न आने की बात जाहिर की। शर्तों के अनुसार अर्जुन को भी कैद कर लिया गया।

इसी तरह नकुल भी आया और महल देखने एवं दोनों भाईयों के संबंध में दरबान से पूछा। दरबान ने दोनों भाईयों के कैदी होने की बात के साथ महल में भ्रमण की शर्तों से नकुल को अवगत कराया। दरबान की बातों को मानते हुए नकुल महल की उत्तर दिशा की ओर बढ़ गये। वहां जा कर देखा कि बहुत सारी सफेद गायें है, जब उनको भूख लगती है तो उपनी छोटी बछियों का दूध पीती है उसे कुछ समझ नही आया। नकुल भी दरबार के द्वारा बतायें गये शर्तों के मुताबिक कैद हो गये।

तीनों भाईयों को वापिस न आते देख सहदेव भी महल तक जा पहुंचे। दरबान से अपने तीनों भाईयों के बारे में पूछा और महल में भ्रमण करने की बात भी कही। तीनों भाईयों के भाति दरबान ने सहदेव को सारी बात बताई। अंतिम कोना दक्षिण दिशा की ओर को गये सहदेव ने देखा कि एक सोने की बड़ी शिला एक चांदी के सिक्के पर टिकी हुई डगमग डोले, पर गिरे नहीं, छूने पर भी वैसे ही रहती है। यह घटना देख सहदेव को कुछ समझ में नहीं आया। शर्त के अनुसार उनको भी कैदी बना लिया गया।

चारों भाई बहुत देर से नहीं आये तब युधिष्ठिर को चिंता हुई वह भी द्रोपदी सहित महल में गये।
अपने चारों भाईयों के संबंध में पूछा तो दरबान ने चारों भाईयों के कैदी होने की बात बताई। युद्धिष्ठर ने भीम से पुछा की तुमने क्या देखा।
भीम ने कुंए के बारे में बताया तब युधिष्ठिर ने कहा कि यह ‘‘कलियुग में होने वाला है एक बाप दो बेटों का पेट तो भर देगा परन्तु दो बेटे मिलकर एक बाप का पेट नही भर पायेंगे।’’ दरबान ने भीम को छोड़ दिया।
युधिष्ठिर ने अर्जुन से पुछा, अर्जुन ने फसल के बारे में बताया। युधिष्ठिर ने बताया कि ‘‘कलियुग में होने वाला है वंश परिवर्तन अर्थात ब्राह्मण के घर शूद्र की लड़की और शुद्र के घर बनिए की लड़की ब्याही जायेंगी।’’ अर्जुन भी छूट गया।
युधिष्ठिर ने नकुल से पूछा, नकुल ने गाय का वृतान्त बताया। युधिष्ठिर ने बताया कि ‘‘कलियुग में माताऐं अपनी बेटियों के घर में पलेंगी बेटी का दाना खायेंगी और बेटे सेवा नहीं करेंगे।’’ नकुल भी छूट गया।
सहदेव ने भी अपने भाई युधिष्ठिर को आखों देखा सोने की शिला का वृतांत से बताया। युधिष्ठिर ने बोला कि ‘‘कलियुग में पाप धर्म को दबाता रहेगा परन्तु धर्म फिर भी जिंदा रहेगा खत्म नहीं होगा।’’ सहदेव नकुल भी छूट गया।
यह सारी बातों को सुनकर अपने प्रत्यक्ष रूप में शनिदेव नें पाण्डवों को दर्शन देकर अपने लोक को गमन कर गयें। वहीं युधिष्ठिर द्वारा बताया गया कलियुग के बारे में यह सारी बातें आज सच साबित हो रही है।

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