भविष्य पुराण में उल्लेखित है कि भगवान की मूर्ति बनाते समय इंसान अपने हैसियात के अनुसार सोना, चांदी, तांबा, पत्थर, चित्रलिखित, मिट्टी या फिर पेड़ की लकड़ी का उपयोग करता हैं। जिसके बाद उसमें प्राण प्रतिष्ठा करके विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर अपने ईष्ट को प्रसन्न करता है। जिससे उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। परतुं अगर इसका उल्टा हो जाए। शुभ फल मिलने के स्थान पर आपकों अशुभ फल मिलने लगे तो आपका सब अनिष्ट हो जाता हैं। आज हम इसी क्रम में आपकों बतायेगें कि किन पेड़ों की बनी हुई लकड़ी के ईश्वर की मूर्ति आपका सर्वनाश कर सकती हैं।
१.शमशान में लगे हुए पेड़-
अगर शमशान में कोई पेड़ लगा हुआ है और इसका उपयोग ईश्वर की मूति बनाने में हो तो इसका आपको अशुभ फल मिलता है।
२.पक्षियों का निवाश वाला पेड़-
जिस पेड़ में किसी पक्षि का घोसला हो या फिर मौसम की मार से वह पेड़ पूरी तरह से दूषित हो चूका हो तो ऐसा पेड़ की बनी ईश्वर की मूर्ति अशुभ फल देती हैं।
३.पेड़ो से दूध निकले तो-
जिन पेड़ों को काटने पर उसमें दूध की रिसाव हो तो ऐसे पेड़ों का उपयोग ईश्वर की मूर्ति बनाने हेतू उपयोग न करें।
४.पुत्रक पेड़-
नि:शंतान वालें व्यक्ति द्वारा अपने पुत्र का स्वरूप मान कर पेड़ लगाया हो तो ऐसे पेड़ का इस्तेमाल मूर्ति बनाने के लिए नहीं करना चाहिए।
५.कमजोर पेड़-
जिन में घून(दीमक) लग चूका हो और वह पूरी तरह से खोखला हो चुका हो तो ऐसे पेड़ को ईश्वर की मूर्ति बनाने में वर्जित माना गया है।
६.वृद्ध पेड़-
अगर पेड़ की आयु पूरी हो चुकी हो या फिर उसकी शाखाएें सूख चूकी हो तो उससे भी ईश्वर की मूर्ति नहीं बनानी चाहिए।
७.वल्मीक वाले पेड़-
जिन पेड़ों के निचे चींटियों का निवाश स्थान हो या सांप रहते हो तो भी ऐसे पेड़ो को चुनाव ईश्वर की मूर्ति बनाने के लिए कभी नहीं करना चाहिए। अशुभ फल मिलता हैं।
Kin Lakadi se bane Ishwar ki Murti dete hai Ashubh Fal, Rakhe 7 baato ka Dhyaan
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