कौन से राशि वाले जातक, कौन सा उपाय कर गणेशोत्सव में किस प्रकार करें पूजा?
यह तो आप सब पहले से जानते ही होगें की भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही दोपहर के समय भगवान श्रीगणेश जी का जन्म हुआ था। इसी लिए इस दिन भक्तगण गणेश चतुर्थी के रूप में उनका जन्म उत्सव बड़े ही हर्ष उल्लास से मनाते हैं। आज हम आपकों अपने इस आलेख में आने वाले २५ अगस्त को ११ दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव में कौन से राशि वाले जातक किस उपाय को और किस तरह की पूजा कर के अपने ईष्ट देव श्रीगणेश जी को सीघ्र प्रसन्न कर सकता हैं। आइए जानते हैं।
राशि: इस राशि के जातक इस दिन सिंदूरी रंग के गणेशजी की आराधना करें। ११ दूर्वा, हल्दी के जल में डालकर चढ़ाएं, ‘‘ॐ गं गणपतये नम:’’ को दूर्वा से १०८ बार भोजपत्र पर लिखे। ऐसी गणेश उपासना से समस्त विघ्न संकट का निवारण होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
राशि: इस राशि के जातक वाले इस दिन दूधिया रंग के श्रीगणेशजी की आराधना करें। श्रीगणेश को सफेद फूल पर इत्र लगाकर नौ दूर्वा के साथ सफेद लड्डू को भोग लगाएं। पूजा करते समय ‘‘ॐ गं ॐ गं’’ मंत्र का जप करें। इस प्रकार श्रीगणेश का पूजन करने पर सभी कार्य में सफलता व सिद्धि प्राप्त हो सकती हैं।
राशि: इस राशि के अनुसार हरे रंग के गणेश प्रतिमा की पूजा करना शुभ होता हैें। श्रीगणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए दूर्वा की माला बनाकर ‘‘ॐ श्री गं गणाधिपतये नम:’’ का १०८ बार उच्चारण करके चढ़ाना चाहिए श्रीगणेश को गुड़ का विशेष नैवेद्य अर्पण करना चाहिए।
राशि: इस राशि के लोग सफेद रंग के गणेशजी की आराधना करना श्रेष्ठ रहता है। श्रीगणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सफेद आंकड़े के पुष्प की माला बनाकर साथ में दूर्वा की जड़ बांधकर अर्पित करें। ‘‘ॐ श्री श्वेतार्क देवाय नम:’’ का जाप कम से कम १०८ बार करें। मोदक के नैवेद्य पर थोड़ा सा मक्खन चढ़ाएं। आपकी सभी प्रकार की मनोकामनाए पूर्ण होगी।
राशि: इस राशिनुसार जातक को मेहरून रंग की श्रीगणेश प्रतिमा की आराधना करना ज्यादा सफलता कारक माना गया है। श्रीगणेश जी पर १०८ दूर्वा कुम्कुम में कर के चढ़ाएं। गुड़ की ११ गोली बनाकर श्री गणेशजी का नित्य अर्पण करे जिससे चहुंमुखी विकास होगा।
राशि: इस राशि वाले जातक को इस दिन गहरे हरे रंग के श्री गणेशजी की आराधना करना श्रेष्ठ रहता है। हरे मूंग १०८ संख्या में श्री गणेशजी की प्रतिमा पर चढ़ाएं। भगवान गणेश के मंदिर में हरे मूंग व गुड़ का दान करेंं। ‘‘श्री वक्रतुंडाय नम:’’ मंत्र का १०८ बार जाप करें। इस तरह श्रीगणेश का पूजन करने से आपको सभी कार्योंं में सफलता प्राप्त होगी।
राशि: इस दिन सफेद मिश्रित रंग के श्री गणेशजी की आराधना करना सर्वोत्तम होता है। सवाया लड्डू का भोग श्रीगणेश को लगाएं। दूर्वा व पुष्प भी सवा सौ ग्राम या सवा किलो चढ़ाए जिससे समस्त संकट का निवारण होकर इच्छित मनोकामना परिपूर्ण होती है। श्रीगणेश स्त्रोत का पाठ करना भी श्रेष्ठ होता है।
राशि: इस दिन जातक लाल मिश्रित श्रीगणेशजी की आराधना करना सबसे अच्छा होता है। श्रीगणेश पर लाल रंग से रंगे चावल अर्पण करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चावलों की संख्या १०८ से कम अथवा ज्यादा न हो। ‘‘श्री विघ्नहरण संकट हरणायनम:’’ का जाप करें, ऐसा करने से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो सकती हैं।
राशि: इस दिन पीले रंग के गणेशजी की आराधना करनी चाहिए। हल्दी की पांच गाँन ‘‘श्री गणाधिपतये नम:’’ का उच्चारण कर चढ़ाएं। १०८ दूर्वा पर गीली हल्दी लगाकर ‘‘श्री गजवकत्रम नमो नम:’’ का जाप करके चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी सभी कामनाएं पूरी हो सकती है।
राशि: इस राशि के जातक को इस दिन नीले रंग के गणेश जी की आराधना करना चाहिए। इसके साथ उन्हें काले तिल अर्पण करें। दूर्वा व लाल रंग के फूल पर इत्र लगाकर ‘‘श्री गणेशाय नम:’’ का जप करके श्री गणेशजी को अर्पण करें। इसके साथ गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ करें। इससे समस्त विघ्न का निवारण हो जाता है।
राशि: इस दिन इस राशि वाले जातक आसमानी रंग की गणेश प्रतिमा की आराधना करनी चाहिए। गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं व उनके मस्तक के मध्य में हल्दी का तिलक लगाएं। हाथी को मोदक या गुड़ रोटी खिलाएं व १०८ दूर्वा चढ़ांए व ‘‘ॐ गं गणपतयै नम:’’ का जप करें।
राशि: इस राशि के अनुसार जातक हल्दी रंग के गणेश भगवान की आराधना करना चाहिए। हल्दी की जड़ पर ८ बार ‘‘ॐ गं गं गं गं गं श्री गजाय नम:’’ लिखकर भगवान श्री गणेशजी के मस्तक पर अर्पण करें। पीले रंग के धागे में पीले पुष्प व दूर्वा की माला बनाकर श्री गणेश को अर्पण करें। सारी मनोकामनां पूर्ण होती हैं।