क्या ग्रहों के स्वभाव मात्र से हमारें शरीर में ओबेसीटी बढ़ती है ?
क्या ज्योतिषीय उपाय से हम अपना ओबेसीटी दूर कर सकते है।?
क्या ग्रह हमारे कुंडली के साथ ही साथ हमारें शरीर को भी नियंत्रण करते है।?
क्या हमारा लाइफस्टाइल ही नहीं, बल्कि हमारे ग्रह भी हमारे बढ़ते वजन के जिम्मेदार होते हैं।?
पुरूष हो या स्त्री, परफेक्ट फिगर या संतुलित काया आज समय की मांग हो चली है। इसी के चलते शरीर पर मांस चढ़ते ही स्त्री-पुरूष डाइटिंग के फेर मे पड़ने लगते हैं। जिम के चक्कर काटने लगते हैं। वह समय जब तक वे जिम या डाइटिंग के नियम पालते हैं, वजन घटता है। बाद में आप फिर से उसी समस्या से दो-चार होते है।
ज्योतिषशास्त्र में दिया है इस समस्या का समाधान-
ज्योतिषशास्त्र में जन्म के समय ग्रहों की दशा को आपकी शारीरिक बनावट से लेकर आंतरिक स्वभाव तक के बनने में महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषाचार्योंं के अनुसार कुछ ग्रहों के प्रभाव से आपके वजन बढ़ने की संभावनाएं प्रबल होती हैं।
जिस ग्रह को हम गुरू ग्रह बृहस्पति के नाम से जानते है यह विशेष रूप से हमारे शरीर के बढ़ते हुए वजन का कारण माना जाता है लेकिन कुछ परिस्थितियों में चंद्रमा व शुक्र भी आपके शारीरिक आकार व भार के बढ़ने की वजह बन सकता है। मंगल, शनि, राहू और केतू के प्रभाव से जातक पतले रहते हैं। जिन लोगों का चन्द्रमा स्ट्रांग होता है, वह जन्म से गोल-मटोल होते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ इनका शारीरिक विकास सही अनुपात में हो जाता है। असल में जन्म के समय ही शारीरिक संरचना का निर्धारण कुंडली से हो जाता है। चंद्रमा, शुक्र और बृहस्पति ये तीनों ग्रह ऐसे हैं जो शरीर में चर्बी की मात्रा को नियंत्रित करते हैं जो कि आपके ओबेसीटी का कारण होती है। वात, पित और कफ संबंधी विकार भी इसी कारण होते हैं जो कि अंतत: आपके शरीर का असंतुलित विकास करते हैं जिससे जातक अत्यधिक मोटा या फिर अत्यधिक पतला भी हो जाता है।
यदि राशियों की बात की जाये तो ओबेसीटी की समस्या अधिकतर मेष, वृष, मकर, कर्क, वृश्चिक, तुला व मीन राशि के जातकों में पाई जाती है। लेकिन आपकी जन्म कुंडली के अनुसार ओबेसीटी घटता व बढ़ता रहता है। लग्न में जलीय राशि जैसे कर्क, वृश्चिक, मकर व मीन आदि हों या फिर इन राशियों के स्वामी लग्न में शुभ हो तो यह भी आपके ओबेसीटी की वजह बन सकता हैं। इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में चंद्रग्रहण हो तो भी जातक अत्यधिक मोटा या पतला हो सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा के दिन जन्में जातक अक्सर मोटे होते हैं जबकि अमावस्या के दिन जन्में पतले। विवाह के बाद यदि चंद्रमा, शुक्र व बृहस्पति मजबूत हों तो जातक मोटा होता है यदि शुक्र कमजोर हो तो विवाहोपरांत शरीर कमजोर हो जाते हैं। वैसे तो राहू जातक को पतला रखता है लेकिन यदि साथ में बृहस्पति हों तो जातक के मोटा होेने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। बृहस्पति आपकी भूख को बढ़ाता है तो राहू आपको अनाप-शनाप तलीय व तामसी प्रवृति के गरिष्ठ भोजन करने की ओर प्रेरित करता है जिससे आपकी ओबेसीटी बढ़ने के आसार बढ़ जाते हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में-
चिकित्सीय दृष्टि से तो बहुत सारे तरीके ओबेसीटी को दूर करने के लिये आज मौजूद हैं लेकिन कई बार उनके नकारात्मक प्रभाव भी आपके शरीर पर पड़ जाते हैं फिर भी सबसे पहली प्राथमिकता आपकी शारीरिक व्यायाम और खान-पान में नियमितता और संतुलित आहार होना चाहिये। लेकिन कई बार यह सब करने के बाद भी कोई राहत नहीं मिलती उल्टे दिन ब दिन आपका वजन व आकार बढ़ता रहता है और आप परेशान रहने लगते हैं। ऐसे में आपको ज्योतिषाचार्योंं से परामर्श अवश्य लेना चाहिये। फिर भी अपने स्तर पर आप कुछ सरल उपाय भी आजमा कर देख सकते हैं। शनिवार व रविवार के दिन उपवास रखें। परिणाम शुभ मिलेगा।