क्या होती है काली हल्दी? क्या है इसके अजूक ज्योतिष उपाय?
धरती माता ने हमें अनेक प्राकृतिक खजानो का भंडार दिया हुआ है। प्रकृति में हमें जितनी भी वस्तुए दिखाई देती है उन सभी का कुछ न कुछ महत्व होता है। आज हम आपको एक ऐसे ही दुर्लभ वस्तु काली हल्दी से जुड़े कुछ उपाय के बारे में बताने जा रहे है जिसकी सहायता से आप अपने जीवन में चल रहें विभिन्न प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पा सकते है तथा इसके साथ ही समृद्धिदायक जीवन व्यतीत कर सकते है।
बता दें कि अत्यंत प्राचीन काली हल्दी से जुड़े इस खास उपाय की विशेष बात यह है कि इसका प्रभाव कभी भी निष्फल नहीं जाता हैं। काली हल्दी बड़े काम की है वैसे तो काली हल्दी का मिल पाना थोड़ा मुश्किल है, यह हल्दी काफी उपयोगी और लाभकारक है। जैसे कि भारतीय रसोई में काम आने वाली हल्दी के हेल्थ बेनीफिट्स तो सभी को मालूम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी के कुछ ज्योतिष उपाय भी है। दरअसल हल्दी की ही एक प्रजाति काली हल्दी को धन व बुद्धि का कारका माना जाता है। शास्त्रानुसार काली हल्दी के प्रयोग से सभी तरह के कुण्डली के दोषो, घर में कलह और धन में हो रही हानि को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं काली हल्दी के कुछ ऐसे ही अचूक उपाय-
कैसे ज्योतिष उपायों द्वारा काली हल्दी का उपयोग कर ग्रहों का दोष करें दूर-
१. यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीड़ित हो तो किसी अच्छे मूहूर्त में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। जिसके बाद में एक टूकड़ें में छेद कर धागे की मदद से उसे गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेंवन कराते रहें। अवश्य लाभ मिलेगा।
२. यदि आपका बिजनेस मशीनों से संबंधित है और आए दिन मशीनें खराब हो जाती हैं, तो काली हल्दी को पीसकर उसमें केसर व गंगा जल मिलाकर मशीनों पर स्वास्तिक का चिहन बना दें। इस उपाय से मशीनें जल्दी खराब नहीं होंगी।
३. किसी की जन्म कुण्डली में गुरू और शनि पीड़ित है, तो वह जातक शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे। यदि किसी के पास धन आता तो है पर टिकता नही है तो ऐसे में यह उपाय उनके लिए फलदायी सिद्ध होगा।
४. यदि बिजनेस मे नुकसान हो रहा है तो एक पीले कपड़े में काली हल्दी, ११ गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व ११ कौड़ियां बांधकर १०८ बार ॐ नमो भगवते वासुदेव नम: का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से बिजनेस मे सफलता मिलने लगती है।
५.काली हल्दी का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से सौन्दर्य की वृद्धि होती है।
६.काली हल्दी के ७ से ९ दाने बनाएं। उन्हें धागे में पिरोकर धूप, गूगल या लोबान से शोधन( कुछ देर इन दानों को इनके धुएं में रख कर छोड़ दें) करने के बाद पहन लें। ऐसा करने से आप हमेशा कुण्डली में ग्रहों का दूष प्रभाव हो या टोना-टोटके व बुरी नजर के नेगेटिव प्रभाव से सुरक्षित रहेगें।
७.यदि आप का कोई नया कार्य शूरू हो रहा हो या नये कार्य के लिए घर से निकल रहें है तो काली हल्दी का टीका लगाकर जाने से उस नये कार्य के सफल होने का योग बढ़ जाता है।
८. गुरू पुष्य नक्षत्र मे काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है।
९.यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरंतर बीमार रहता है, तो किसी गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के ऊपर से ७ बार उतार कर गाय को खिला दें। इससे लाभ मिलेगा।
१०. सिद्ध की हुई काली हल्दी की गठान को एक काले कपड़े में लपेटकर घर के मुख्य द्वार के बाहर टांग दें। इससे आपके घर को किसी की बूरी नजर नहीं लगेगी। साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
११. दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने वाले स्थान पर रख देने से वर्ष भर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
१२. अगर घर मे किसी सदस्य को नजर लग गई हों तो सिर्फ एक काले कपड़े में काली हल्दी की गठान बांधकर ७ बार उसके ऊपर से उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। जल्द ही लाभ मिल जाता है।
काली हल्दी को सिद्ध करने की विधि-
किसी भी पक्ष(शुक्ल या कृष्ण) की अष्टमी तिथि की सुबह सूर्यादय से पहले अपना शयन कक्ष को छोड़ दे और स्नान आदि कर के पवित्र हो जाएं। इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहन कर पूर्व दिशा की ओर मुख करके विराजमान हो जाए। एक बात का विशष ध्यान दें कि ऐसा स्थान चुनें, जहां से सूर्यदर्शन में बाधा न आती हो। इसके बाद काली हल्दी की गठान की पूजा धूप-दीप से करें।
इसके बाद सामने रखी काली हल्दी की गठान को नमस्कार कर भगवान सूर्यदेव के मंत्र ओम ह्नीं सूर्याय नम: का १०८ बार लाल चंदन की माला से जाप करें। यह प्रयोग अगली अष्टमी तिथि तक रोज करें। इस अष्टमी तिथि पर उपवास रखें व ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इस तरह काली हल्दी की गठान सिद्ध हो जाती है। इसका उपयोग विभिन्न ज्योतिषीय उपायों में किया जाता है।