क्या कहते है हमारे स्वप्ने?
क्यों हमें स्वप्न आता हैं?
क्या स्वप्न हमारे जीवन का एक आयना है?
क्या स्वप्न भविष्य में छिपी सच्चाई को पहले से बता सकती है?
स्वप्न ज्योतिष के अनुसार नींद में दिखाई देने वाले हर सपने का एक खास संकेत होता है, एक खास फल होता है। आधुनिक मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सोते समय की चेतना की अनुभूतियों को स्वप्न कहते हैं। स्वप्न के अनुभव की तुलना मृगतृष्णा के अनुभवों से की गई है। यह एक प्रकार का विभ्रम है। स्वप्न में सभी वस्तुओं के अभाव में विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ दिखाई देती हैं। स्वप्न की कुछ समानता दिवास्वप्न से की जा सकती है। परंतु दिवास्वप्न में विशेष प्रकार के अनुभव करनेवाला व्यक्ति जानता है कि वह अमुक प्रकार का अनुभव कर रहा है। स्वप्न अवस्था में अनुभवकर्ता जानता नहीं कि वह स्वप्न देख रहा है। स्वप्न की घटनाएँ वर्तमान काल से संबंध रखती हैं। दिवास्वप्न की घटनाएँ भूतकाल तथा भविष्यकाल से संबंध रखती हैं।
मानव मन का स्वप्नों के साथ गहरा संबंध है, निद्रा की अवस्था में भी मस्तिष्क सक्रिय रहता है। अवचेतन मन की इच्छाएँ, दिन प्रतिदिन के तनाव एवं चिन्ताएं स्वप्न के रूप में दिखाई देती हैं। मनोवैज्ञानिक यह भी मानते हैं किे कभी-कभी स्वप्न भविष्य में होने वाली घटनाओं का भी संकेत देते हैं। स्वप्नों से भविष्य संकेत की पुष्टि कई प्राचीन ग्रंथों द्वारा होती है। सपने हर किसी को आते है। हर सपनों का मतलब और उनका फल होता है। सपने २ तरह के होते है एक वो जो हम सोने के बाद गहरी नींद में देखते है, दूसरा वो जो हम अपने सुनहरे भविष्य के लिए सोचते है। सपने वो है जो रियल नहीं होते है, बल्कि एक सोच है, जो हम चाहते है कि भविष्य में हमें मिल जाये। जो सपने हम नींद में देखते है वे कही न कही हमारी जिन्दगी से जुड़े होते है।
सपने में कई बार हम ऐसी घटना देखते है जो हमारे भूतकाल से जुड़ी हुई होती है, या फिर वो देखते है जो आने वाले भविष्य में होने वाली है। कई बार हम अपने जीवन में जैसी सोच रखते है, जैसे माहोल में रहते है वैसा ही रात को सपना देखते है। सपने हमेशा अधूरे नहीं रहते है, वे कई बार पुरे भी होते है, कभी सपने तुरंत पुरे होते है, तो कभी थोड़े समय बाद अपना असर देते है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर सपने का कोई न कोई मतलब और उनका अर्थ होता है।
सपने हमारे आने वाले भविष्य का आइना है, वो हमें आने वाली मुसीबत के लिए पहले से चेतावनी देते है।
प्राचीनकाल के ग्रंथों में स्वप्न विज्ञान और उनके फलों पर विस्तार से व्याख्या की गई है। रात्रि को नींद में दिखाई देने वाले कुछ स्वप्न हमें शुभ फल देते हैं, तो कुछ अशुभ।
शास्त्रों के अनुसार रात्रि के प्रथम प्रहर का स्वप्न १ वर्ष में, दूसरे प्रहर का स्वप्न ८ महीने में, तीसरे प्रहर का स्वप्न ३ मास में, चौथे प्रहर का स्वप्न १ मास में, ब्रह्म मुहूर्त का स्वप्न १० दिन में तथा सूर्योदय से पूर्व देखे गये स्वप्न का फल उसी दिन प्राप्त की संभावना प्रबल होती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यदि रात में शुभ स्वप्न दिखाई दे और नींद टूट जाय तो ऐसे में दोबारा नहीं सोना चाहिए। उसी समय स्नानादि करके भगवान की पूजा करके उन्हें धन्यवाद देना चाहिए। शुभ स्वप्न को देखने पर उसके फल प्राप्ति के लिए अपना स्वप्न किसी को नहीं बताना चाहिए। अशुभ स्वप्न दिखने पर यदि फिर से सो जाएँ तो उसका अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है। एवं प्रात: काल घर के बड़े बुजुर्गों को अथवा पीपल के पेड़ को इस स्वप्न के विषय में बता देना चाहिए। इससे स्वप्न के अशुभफल में कमी आ जाती है। ग्रंथ के अनुसार अशुभ स्वप्न आने पर उसकी शान्ति के लिए ईश्वर का पूजन, हवन, ब्राह्मण भोजन और दान करने से अशुभ फल समाप्त हो जाते है।
स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का एक खास अर्थ होता है। हम सपने में कैसे दृश्य देखते हैं, क्या महसूस करते हैं, इस सबका हमारे जीवन के साथ कहीं ना कहीं संबंध होता है। जरूरत है तो केवल इन सपनों से मिलने वाले संदेशों को समझने की।
“आज मैं आपको सपने की एक छोटी सी डिक्शनरी शेयर कर रहा हूँ, इनको पढ़ आप अपने सपने को बहुत हद तक समझ सकते है।”
स्वप्न फल – सपनो का मतलब-
- यदि रोगी सपने मे किसी ब्राह्मण,देवता, राजा, गाय, याचक या मित्र को देखे तो समझे कि रोगी जल्दी ही ठीक हो जाएगा ।
- यदि रोगी सिर मुंडाएं ,लाल या काले वस्त्र धारण किए किसी स्त्री या पुरूष को सपने में देखता है या अंग भंग व्यक्ति को देखता है तो रोगी की दशा अच्छी नही है ।
- यदि रोगी सपने मे किसी ऊँचे स्थान से गिरे या पानी में डूबे या गिर जाए तो समझे कि रोगी का रोग अभी और बड़ सकता है।
- यदि सपने में ऊठ, शेर या किसी जंगली जानवर की सवारी करे या उस से भयभीत हो तो समझे कि रोगी अभी किसी और रोग से भी ग्र्स्त हो सकता है।
- यदि सपने मे कोई मास या अपनी प्राकृति के विरूध भोजन करता है तो ऐसा निरोगी व्यक्ति भी रोगी हो सकता है ।
- यदि कोई सपने मे उड़ता है तो इस का अभिप्राय यह लगाया जाता है कि रोगी या सपना देखने वाला चिन्ताओं से मुक्त हो गया है ।
इसके आगे का अंक अगले लेख में जारी रहेगा।