नरक चतुर्दशी को करें ये ९ उपाय, होगी शुभ फल की प्राप्ति!
हिन्दू धर्म के लोग नरक चतुर्दशी के पर्व(कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को बड़े ही विधि-विधान पूर्वक मनाते हैं। इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता हैं। मान्यता है कि अगर इस दिन माँ लक्ष्मी के हमारें घर में सदा-सदा के लिए निवास हेतू उपाय किये जाये तो माँ लक्ष्मी की कृपा के साथ उनका निवास हमारें घर में हमेशा के लिए हो जाता हैं। इसके साथ अन्य शुभ फल की भी प्राप्ति होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी इसके महत्व के बारें में वर्णन हैं। तो आइये जानते हैं इन ९ उपायों के बारें में-
१. इस दिन हमें सूर्योंदय के पूर्व ही स्नानादि कर लेना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा न करने से वह नरक का भागी बनता है एवं वर्ष भर उसके द्वारा अर्जित किया गया पुण्यकार्य का भी छय हो जाता हैं। इस दिन हमें यमराज का तर्पण करके तीन अंजलि जल अर्पित करना चाहिए।
२. लिंग पुराण के अनुसार, इस दिन हमें उड़द के पत्तों के साग से युक्त भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से हमें अपने सारे पापों से मृक्ति मिल जाती हैं।
३. मान्यता है कि इस दिन वामन अवतार भगवान विष्णु जी ने राजा बलि से तीन पग पृथ्वी मांग कर पूरा ब्रह्माण्ड को नाप लिया था तब वामन देव ने राजा बलि द्वारा मांगे गये वरदान को पूर्ण हेतू वचन दिया था। कि इस दिन जो मनुष्य भगवान वामन और राजा बलि का स्मरण करेंगा उसके यहां माँ लक्ष्मी का स्थायी निवास रहेग। इसके साथ हमें इस दिन द्वीप दान भी करना चाहिए।
४. इस दिन हमें सर्वप्रथम लाल चंदन, गुलाब के फूल व रोली के पैकेट की पूजा करें इसके बाद उन्हें एक लाल वस्त्र में लपेटकर कलावा से बांध कर उसकों अपने धन संचय स्थान पर रख लें। शुभ फल की प्राप्ति होगी।
५. सनत कुमार संहिता के अनुसार इस दिन यमराज के निमित द्वीप दान करने से नरक भोग रहें हमारें पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं।
६. स्नान करने से पूर्व तुम्बी(लौकी का टुकड़ा) और अपामार्ग(८ उंगली लकड़ी का टुकड़ा), दोनों को अपने सर के चारों ओर ७ बार घुमाना चाहिए। इससे कर्क का भय समाप्त हो जाता है। तुम्बी और अपामार्ग को घुमाते वक्त यह बोले-‘‘हे तुम्बी, हे अपामार्ग आप बार-बार फिराएं जाते हो, आप मेरें पापों को दूर करों और कुबुद्धि का नाश करें।’’ स्नान करने के बाद इस तुम्बी और अपामार्ग को घर की दक्षिण दिशा में विसर्जित कर देना चाहिए।
७. इस दिन पति-पत्नी दोनों को सूर्योंदय से पूर्व स्नानादि करके विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर का दर्शन करना चाहिए। इससे उनके सारें पापों का नाश हो जाता हैं।
८. इस दिन संध्या बेला में घर के मुख्य द्वार पर ४ बत्तियों का दीपक जलाकर यमराज का ध्यान करते हुए पूरब दिशा की ओर मुख करके द्वीप दान करना चाहिए। इससे मनुष्य के यम का मार्ग का अंधेरा समाप्त हो जाता हैं।
९. इस दिन स्नान से पहले शरीर पर तिल्ली का तेल से पूरे शरीर पर मालिश करना चाहिए। तेल को अपने शरीर पर लगाने से पूर्व उबटन को जरूर से लगाऐ। जिसके बाद जल में हल्दी और कुमकुम डालकर स्नान करना सर्वोत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन तिल्ली के तेल में लक्ष्मी जी का और जल में गंगा जी का निवास होता हैं।