रक्षाबंधन पर चंद्र ग्रहण, राशियों पर इसका प्रभाव? व राखी बांधने का शुभ मुहूर्त?
रक्षाबंधन, जिसका अर्थ होता है। एक ऐसा बंंधन जिसमें भाई अपनी स्नेह रूपी बहन की आजीवन हर बाधा एवं विपत्तियों से उसकी रक्षा करने की कसम लेता है। इस पर्व का हर भाई-बहनों को हर साल इंतजार रहता है। इस पर्व को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह प्रेम, त्याग एवं रक्षा के लिए अति लोक प्रसिद्ध संसार का सबसे पवित्र पर्व रक्षा बंधन इस बार अगस्त महीने के ७ तारीख दिन सोमवार को मनाया जायेगा।
बता दें कि साल भर से राखी का इंतजार कर रहे भाई-बहनों को इस बार यह त्यौहार जल्दबाजी में खत्म करना होगा। दरअसल इस बार ७ अगस्त को होने वाले रक्षाबंधन को चंद्र के साथ इस पर्व रक्षाबंधन को भी ग्रहण लग गया है। यह खण्ड ग्रास चंद्र ग्रहण राशियों में मकर राशि और श्रावण नक्षत्र में भ्रमण रहेगा। ग्रहण का समय रात्रि के १०.४२ से प्रारंभ(स्पर्श) होगा। जो ग्रहण का मोक्ष रात १२.३८ तर रहेगा। वैसे तो हमेशा रक्षाबंधन के पर्व में भर्दा के समापन के बाद ही बहने अपने भाईयों को रक्षा-सूत्र बांधती है। लेकिन इस भर्दा के साथ-साथ चंद्र पर लग रहा ग्रहण के चलते और उसके साथ एवं उसके पूर्व लग रहे सूतक को भी ध्यान में रखना होगा। ताकि भाईयों को बांधी गयी रक्षा-सूत्र(राखी) शुभ फल दें।
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त-
इस बार सावन पूणिर्मा के दिन पड़ रहा रक्षा बंधन का पर्व में भर्दा दिन के सूर्योदय से पूर्व ३ बजकर ५५ मिनट के साथ ही लग जायेगा और दिन के १०.३० बजे तक रहेगा। लेकिन विद्वानों का मत है कि इसके बाद भी ११.११ बजे तक भर्दा का असर पूरी तरह से समाप्त होगा। वहीं एक बात का ध्यान भी देना होगा कि उसी रात को लग रहा १०.४२ बजे से चंद्र ग्रहण के ९ घण्टे पूर्व ही ग्रहण का सूतक दिन में १ बजकर ४२ मिनट से शुरू हो जाएगा। ऐसे में ११.१५ से १ बजे के दरम्यान अभिजीत मुहू्रर्त में बहनें अपने भाईयों को राखी बांध सकती है। इस पूरे क्रम में सिर्फ ११.१५ मिनट सुबह से दोपहर १ बजे( १ घण्टा ४५ मिनट) का समय ही बहनों के पास होगा राखी बांधने का।
बंद रहेगें सारे मंदिर-
विद्वानों के मत के अनुसार भद्रा योग और सूतक में राखी बांधने का नियम नहीं होता है। रात में चंद्र ग्रहण है जिसके कारण सूतक लग जाएगा। जिसके चलते मंदिरों के पट बंद रहेंगे और पूजा नहीं होगी। सूतक लगने के बाद सिर्फ मंत्र का जाप किया जा सकता है इसके अलावा कोई शुभ कार्य नहीं हो सकता।
राशियों पर इसका प्रभाव-
यह चंद्र ग्रहण राशियों में मकर राशि और श्रावण नक्षत्र में भ्रमण रहेगा। मंगल, शनि और गुरू की दृष्टि भी पड़ रही है। जिसके चलते यह ग्रहण कुछ राशियों को अच्छा फल प्रदान करेगें और कुछ को मध्यम और कुछ को बुरा प्रभाव देगा। आइये जानते है किस राशि पर कैसा होगा असर-
मेष- इस राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ फल नहीं देगा। उनके व्यापार क्षेत्र में हानि होने की संभावना है और उनके कार्य क्षेत्र में रूकावटें आने के योग बन रहे हैं।
वृषभ- इस राशि के जातक को यह ग्रहण मध्यम फल देने वाला है। लेकिन उनके कार्य क्षेत्र में अधिकता होने की वजह से उनका मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
मिथुन- ऐसे जातकों को इस दौरान कोई खुशखबरी मिलने के आसार दिख रहें है। एवं इसके साथ ही साथ आय के नए साधन बनने के योग्य बन रहे है।
कर्क- मध्यम फल प्रदान करने के साथ पति-पत्नी के बीच मनमुटाव होने के असार है। ऐसे जातक परिश्रम करने से सफलता मिलने के योग्य बन रहे है।
सिंह- इस राशि के जातक को यह ग्रहण शुभ फल देने का संकेत बना रहे है। इनके रूके हुए कार्य पूरे होगें। और अगर यह लोग मांगलिक कार्य करते है तो शुभ होगा।
कन्या- इस राशि के लोगों को विशेष रूप से सजग रहने की जरूरत है। अगर वो किसी में निवेश करते है तो ऐसे समय सोच-समझ कर निवेश करें। और विवाद होने की संभावना बन रही है तो अपने वाणी पर नियंत्रण रखें और अकारण विवादों से बचने का सफल प्रयास करें।
तुला- इनके रूके हुए कार्योंं के समापन के साथ नये कार्योंं के शुभारम्भ बनने के योग्य बन रहे है। यह ग्रहण इन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
वृश्चिक- ऐसे लोगों को सभी क्षेत्रों में सफलता मिलने के योग्य बन रहे है। यह चंद्र ग्रहण इनके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
धनु- इस राशि वाले इस दिन कोई नया काम शुरू न करें। इस दिन आपके कोई प्रियजन आपसे दूर होगें ऐसा योग्य बन रहा है। कुलमीलाकर यह ग्रहण मध्यम फल देने वाला साबित होगा।
मकर- यह ग्रहण आपको पीड़ा दे सकता है। इस दिन यात्रा करने से बचे। किसी निवेश करने वाले क्षेत्र में इस दिन कोई निवेश न करें।
कुम्भ- इस दिन इस राशि वाले लोगों को खर्च की अधिकता रहेगी। व्यर्थ की चीजों पर खर्च ज्यादा रहेगा।
मीन- चंद्र ग्रहण इन राशि वाले लोगों के लिए काफी शुभ रहेगा। इस दिन नये काम की शुरूआत करे तो काफी लाभ मिलेगा। इसके साथ धन का लाभ मिलने का योग्य भी बन रहा है।