राशि अनुसार लक्ष्मी मंत्र का जाप कर बनें धनवान, माँ लक्ष्मी के १२ अचूक मंत्र
आज हमारें जीवन और समाज में धन ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। आज आपके पास धर्म हो या न हो, पर आपके पास अगर धन है तो समाज आपके सनमुख हमेशा नमन करता है। आज कलियुग में धन सबसे बड़ी जरूरत हो गई है। यही धन हमें समाजिक प्रतिष्ठा दिलाता है।
बता दें कि भागवत पुराण में पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी गई थी कि कलियुग में लोग किसी का श्रेष्ठ कुल को नही देखेंगे, अगर किसी निच कुल में भी धन होगा तो उसे लोग एक अच्छा कुल(परिवार) कहेंगे एवं समाज में एक ऊचा दर्जा देगें। आज हम इसी क्रम में कम समय में माँ लक्ष्मी की कृपा पाने और उनके १२ मंत्रों से आपको अवगत कराऐगें। जिसको अपने राशि के अनुसार चुन कर आप भी धनवान बन सकते है। यहां एक बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि १२ राशियों में माँ लक्ष्मी के १२ अचूक मंत्रों में एक मंत्र हर एक राशि के लिए अचूक होता है। जिसको जानने के बाद और नित्य इसका जाप कर के आप भी धनवान बन सकते है और माँ लक्ष्मी की कृपा सदेव आपके और आपके परिवार पर बन सकता हैं। आइये जानते है:-
मेष राशि- ॐ ऐं क्लीं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
वृषभ राशि- ॐ ऐं क्लीं श्रीं इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
मिथुन राशि- ॐ क्लीं ऐं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
कर्क राशि- ॐ ऐं क्लीं श्रीं इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
सिंह राशि- ॐ ह्नीं श्रीं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
कन्या राशि- ॐ श्रीं ऐं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
तुला राशि- ॐ ह्नीं क्लीं श्रीं इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
वृश्चिक राशि- ॐ ऐं क्लीं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
धनु राशि- ॐ ह्नीं क्लीं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
मकर राशि- ॐ ऐं क्लीं ह्नीं श्रीं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
कुंभ राशि- ॐ ह्नीं ऐं क्लीं श्रीं इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
मीन राशि- ॐ ह्नीं क्लीं सौं: इस मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें।
ध्यान दें:-
‘‘मंत्रों के जाप के पूर्व ही लक्ष्मी की पूजा करें तत्पश्चात् उसी स्थाप पर रहते हुए मंत्रों का जाप आरम्भ करें, इस दौरान मंत्रों के जाप के समय शुद्ध घी के दीपक पूरे समय जलते रहना चाहिए। और माला का जाप कम से कम ११ बार अवश्य करें। अगर अपने बैठने वाले स्थान पर कुश का आसन हो तो ऐसे में ज्यादा फल मिलता है। जाप के समापन के बाद जाप के लिए उपयोग हुआ माला को पूजा स्थल पर ही रख दें।’’